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कमलनाथ की ताजपोशी से शिवराज की बड़ी लोक-लुभावन योजनाओं पर सवाल

शिवराज सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की थीं जिनके कारण मध्य प्रदेश सरकार पर आर्थिक संकट आ सकता है. देखा जाए तो किसानों की कर्जमाफी से मध्यप्रदेश सरकार पर 34 से 38 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है.

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ.

मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री का पद संभालते ही कमलनाथ ने कर्जमाफी, रोजगार, उद्योग से जुड़े एक के बाद एक फैसले लेकर सबको चौंका दिया. कमलनाथ की यह सकारात्मक पहल कितने सही मायने में जमीन पर उतरती है अब यह देखने लायक होगा. क्योंकि शिवराज सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की थीं जिनके कारण मध्य प्रदेश सरकार पर आर्थिक संकट आ सकता है.

देखा जाए तो किसानों की कर्जमाफी से मध्यप्रदेश सरकार पर 34 से 38 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आ सकता है. ऐसे में शिवराज सरकार ने शुरू की भावांतर और संबल योजनाओं का आकलन भी कांग्रेस सरकार को करना होगा.

कर्जमाफी के बाद अगर ये योजनाएं जारी रहती हैं तो सरकार गहरे आर्थिक संकट में फंस सकती है और यदि इन योजनाओं को बंद किया जाता है तो किसानों को इसे बंद करने का कारण भी समझाना होगा. इसके लिए कांग्रेस को कुशल राजनीतिक प्रबंधन की जरूरत पड़ेगी.

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अब बात बिजली की करें तो किसानों को राहत देने के लिए कांग्रेस ने वचन पत्र में बिजली बिल आधा करने की भी बात कही है. हालांकि, सरकार फिलहाल इसे लागू करेगी इसमें संदेह है. वहीं, इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सौ यूनिट बिजली सौ रुपये में देने का कांग्रेस ने वादा किया है.

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कर्जमाफी और लोक-लुभावन घोषणाओं से राज्य पर कर्ज बढ़ेगा. रिजर्व बैंक के नियमों के हिसाब से सरकार कर्ज तो ले लेगी, लेकिन उसे हालात सुधारने के लिए स्थाई समाधान ढूंढ़ना होगा.

साथ ही संविदाकर्मियों और दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने का वादा भी काफी मुश्किल है. कर्मचारी इस बात पर दबाव बनाएंगे कि लोकसभा चुनाव से पहले यह वचन भी पूरा हो जाए. यदि यह वादा पूरा करने में कांग्रेस कामयाब होगी तो नतीजे बदल सकते हैं.

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