
Farm Laws Repealed: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त (Three Farm Laws Scrap) करने का ऐलान कर दिया, लेकिन अब इस पर सियासत भी होने लगी है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है. साथ ही तीन मांगें भी की हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने कहा कि अगर ये फैसला पहले ही ले लिया जाता तो कइयों की जान बचाई जा सकती थी.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि शायद प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी किसानों की ताकत नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा कि जब ये तीनों कानून आए तो बीजेपी लगी रही कि बहुत अच्छे कानून हैं. बड़ी प्रगति होगी. प्रधानमंत्री मोदी भी कानून के पक्ष में बात करते रहे लेकिन आज फिर लोकतंत्र की जीत हुई है. उन्होंने कहा कि किसान अपना हित समझता है, आप उन्हें मूर्ख नहीं बना सकते.
दिग्विजय ने की तीन मांगें
1. तीनों कानूनों को निरस्त करने के लिए इसी सत्र में कानून लाया जाए ताकि उस पर संसद का ठप्पा लग सके.
2. राजनीतिक दल किसान संगठनों से चर्चा करें और उसके बाद आने वाले सत्र में या उसके बाद किसानों के पक्ष में MSP के लिए कानून लेकर आएं.
3. जो शहीद हुए हैं उनको पूरी तरीके से उनके सम्मान के साथ उनकी शहादत को स्वीकार करते हुए उन्हें राहत राशि दी जाए.
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कमलनाथ बोले- कइयों की जान बचाई जा सकती थी
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी कृषि कानून निरस्त होने पर बधाई दी, लेकिन ये भी कहा कि अगर ये कदम पहले ही उठा लिया जाता तो कइयों की जान बचाई जा सकती थी. कमलनाथ ने कई ट्वीट कर केंद्र को भी घेरा और किसानों को बधाई धी. उन्होंने कहा कि इन कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसान एक साल से डटे हुए थे. उन्हें कई प्रताड़नाओं से गुजरना पड़ा. उन्हें देशद्रोही, आतंकवादी जैसे नामों से भी बुलाया गया, मगर किसान टस से मस नहीं हुए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी किसानों के समर्थन में खुलकर लड़ी और आखिरकार एक साल बाद गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व के दिन मोदी सरकार ने इन काले कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसका हम स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि ये किसानों के कड़े संघर्ष की जीत है, जिसने एक अहंकारी और जिद्दी सरकार को झुका दिया.