भोपाल में पंचायत आजतक के कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने क्या काम किया है. उन्होंने कहा कि साढ़े छह करोड़ पेड़ लगाए. फिर जब मैंने नर्मदा के किनारे 1800 किलोमीटर की यात्रा की तो मुझे तीन पेड़ नजर आए. मेरे बयान के बाद सरकार ने वहां पेड़ लगाए गए हैं. मुझे कई लोगों ने वीडियो क्लिप दिखाई कि जिस रास्ते से मैं गुजर रहा था उधर आगे-आगे पौधे लगते जा रहे थे.
दिग्विजय सिंह ने खनन पर भी शिवराज सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है कि नर्मदा नदी के अंदर ही कॉलोनियां बन गई हैं. वहां सड़कें बनी हुई हैं. मशीनों से लगातार खुदाई जारी है. जबकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी कहा है कि मशीनों से खुदाई नहीं होनी चाहिए.
ईवीएम पर मुझे भरोसा नहीं...
ईवीएम पर सवाल खड़े करते हुए एमपी के पूर्व सीएम ने कहा कि कोई ऐसी मशीन नहीं है, जिसे हैक न किया जा सके. रूस ने अमेरिका के चुनावों को हैक कर दिया. इसलिए मुझे ईवीएम पर भरोसा नहीं है. ईवीएम का सोर्स कोड तीन-चार लोगों के पास है. कोड विदेश में डाले जाते हैं.
चुनाव जीते तो चुनाव आयोग को मजबूर कर देंगे कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल हो. अगर मुझे मशीन मिल जाए तो रिवर्स इंजीनियरिंग करने पर सोर्स कोड पता चल जाएगा. सोर्स कोड पता करते ही एक कैंडिडेट के वोट दूसरे के खाते में डाला जा सकता है. अगर देश की 70 फीसदी पार्टियां यह कह रही हैं कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए तो फिर ऐसा होना चाहिए.
बुधनी में हारेंगे शिवराज...
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं नर्मदा यात्रा कर 104 विधानसभा क्षेत्रों तक गया. हर गांव और कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं से मिला. मैं बुधनी में 11 दिन तक पैदल चला. अपनी यात्रा के अनुभव से कह सकता हूं कि बुधनी में मजबूत प्रत्याशी यदि आ गया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव हार सकते हैं.
उन्होंने कहा कि कई पुराने लोग मुझसे मिले. वहां हर कोई जानता है कि केवल एक जीत गांव के लोग ही है जो खेती भी लेते हैं और रेत का अवैध खनन भी करते हैं और सारे लेनदेन भी वही करते हैं.
शिवराज पर जाति वाद का भी आरोप लगाते हुए दिग्विजय ने आगे कहा कि मैं जैत गांव भी गया था वहां के हालात बेहद बुरे हैं. केवल सीएम के परिवार और उनके लोगों के घरों में ही बिजली रहती है, बाकी दूसरे जाति के गांव हैं वहां बिजली नहीं मिलती है.