मध्य प्रदेश में बीजेपी की हार के बाद आजतक ने शिवराज सिंह चौहान से बातचीत की. इस दौरान शिवराज ने कहा कि एमपी की जनता के लिए दिल से कांग्रेस को सहयोग दूंगा लेकिन काम नहीं किया तो विरोध भी करूंगा. आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता जाने के बाद हाल ही में सीएम हाउस को खाली कर दिया है. 74 बंगला स्थित अपने बंगले में बैठे शिवराज ने लोकसभा चुनाव लड़ने से लेकर मध्य प्रदेश में यूरिया की कमी तक पर खुलकर बात की.
शिवराज से बातचीत के अंश...
सवाल: आपने सीएम हाउस 13 साल बाद खाली किया. अब उससे कहीं ज्यादा छोटे घर में रह रहे हैं. निराशा महसूस नहीं होती?
शिवराज: नहीं, जमीन आसमान कोई अंतर नहीं है, घर भले ही छोटा हो दिल तो बहुत बड़ा है और यह दिल तो धड़कता भी है तो मध्य प्रदेश की 7:30 करोड़ जनता के लिए धड़कता है. यह घर भी अब जनता का घर है और जनता यहां है तो यहां रहकर ही जनता की सेवा करेंगे. बड़ा छोटा तो सोच से होता है, विचार से होता है, घर से नहीं होता. जनता के घर में जनता की सेवा करूंगा.
सवाल: घर में तो कम ही रुकते हैं आप? जनता के बीच पहुंच गए फिर से.
शिवराज: जनता मेरी जिंदगी है मैं जीता हूं उसके लिए और उसके बिना मैं रह नहीं सकता. मुख्यमंत्री था तो कलम की ताकत से उनकी सेवा करता था. आज चौकीदार की भूमिका में हूं तो जहां कष्ट और दिक्कत देखूंगा वहां बात करूंगा और बात करके अगर समाधान नहीं हुआ तो लड़-लड़के समाधान करूंगा. लेकिन मैं अपनी जनता के साथ ही रहूंगा और जनता के लिए ही जिउंगा.
सवाल: चौकीदार शब्द बार-बार बोल रहे हैं, क्या नेता प्रतिपक्ष तो नहीं बन रहे आप?
शिवराज: मैंने कभी भी किसी दायित्व के बारे में विचार नहीं किया है जो कुछ भी तय किया पार्टी ने किया और वैसे भी नेता तो मैं हूं ही जनता के लिए, जनता के साथ और जनता मेरे साथ.
सवाल: कांग्रेस का मंत्रिमंडल तय नहीं हो पा रहा है इस पर क्या कहेंगे?
शिवराज: दुखी करने वाली बात यह है कि पहले जो काम करना चाहिए था मंत्रीमंडल के विस्तार का, व्यवस्थित सरकार बनाने का, वह काम करने के बाद फिर गतिविधियां बाकी की शुरू होती हैं. अब तक हैरानी है कि मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है. लेकिन उसके पहले ही भारतीय जनता पार्टी के लोग जो कुछ बैठे हैं उन्हें चुन-चुन कर हटाओ. मुझे आपत्ति नहीं है हमारे तो ज्यादातर लोगों ने इस्तीफा दे ही दिया था और दूसरी चीज जो मुझे कष्ट दे रही है, आज मैंने कमलनाथ जी से बात की है. राजनीतिक विद्वेष का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता चुन-चुन कर बदले ले रहे हैं. पुलिस से केस बनवा रहे हैं, पत्थर बिकवा रहे हैं. झगड़े करवा रहे हैं. लोकतंत्र में हार जीत होती रहती है. जीत का मतलब यह नहीं कि आप विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करो, उन्हें जेल भिजवाओ, उन पर केस बनवाओ. अगर यह प्राथमिकता इस सरकार की है तो मुझे कुछ नहीं कहना. बल की प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि मंत्रिमंडल बने काम व्यवस्थित ढंग से चलाओ.
सवाल: प्रदेश में यूरिया का संकट है? क्या वजह है इसकी?
शिवराज: मैं भी मुख्यमंत्री था, मैं चार-चार दिन दिल्ली बैठता था. पहले से हम तैयारी करते थे, कितने यूरिया की आवश्यकता है, लेकिन आज किसी का ध्यान इस तरफ है ही नहीं. आज मैंने खबर पढ़ी जिसमें केंद्र सरकार पर आरोप लगाए गए. अरे खुद का मिस मैनेजमेंट है, खुद का ध्यान नहीं है, खुद किसान की चिंता नहीं कर रहे हो और दोष दूसरों को दे रहे हो. यह कहा जा रहा है कि पंजाब यूरिया भेज दिया, राजस्थान भेज दिया. वहां किसकी सरकार है. पंजाब में कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. बेबुनियाद कीचड़ उछालने की कोशिश हो रही है. किसानों की चिंता किसी को नहीं है. मिस मैनेजमेंट के कारण किसान बेहाल है, परेशान है और केवल केंद्र सरकार को दोषी बता दो. दोष उनके मत्थे मढ़ दो, कांग्रेस के द्वारा ऐसी बातें की जा रही हैं, यह ठीक नहीं है. उनको मंत्रिमंडल तुरंत गठित करना चाहिए. काम व्यवस्थित चलाएं. सरकार ठीक चलाएं और जनता की समस्याओं का समाधान करें.
सवाल: 7 तारीख को विधानसभा का सत्र है क्या बीजेपी आक्रामक रहेगी?
शिवराज: पहली बात तो यह है कि मैं मध्य प्रदेश की जनता से इमोशनली जुड़ा और बीजेपी मध्य प्रदेश की जनता का कल्याण और मध्य प्रदेश का विकास चाहती है इसलिए हमारा काम यह नहीं है कि गालियां ही दें. कदम-कदम पर केवल विरोध करें, मैं फिर दोहरा रहा हूं, प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ जी को भी मैंने यह कहा है कि प्रदेश का विकास बाधित ना हो. सरकार भले ही दूसरी आ गई लेकिन विकास में निरंतरता हो, इसके लिए हम हर तरह का सहयोग करेंगे. सकारात्मक सहयोग करेंगे. लेकिन जनता के काम नहीं हुए, वचन पूरे नहीं हुए तो फिर हम प्रचंड विरोध भी करेंगे. लेकिन प्रदेश का विकास बाधित ना हो इसके लिए सरकार को सहयोग भी करेंगे.
सवाल: कमलनाथ ने भी जता दिया है कि वो साथ लेकर चलेंगे. सुशासन दिवस भी मना रहे हैं.
शिवराज: उसके लिए मैं बधाई देता हूं, कमलनाथ जी को. जो अच्छा काम करेंगे मैं दिल से, हृदय से बधाई दूंगा. केवल विरोध करने के लिए विरोध नहीं करूंगा, उन्होंने एक अच्छी परंपरा को स्थापित किया है. अटल जी के नाम पर सुशासन दिवस क्योंकि सुशासन के प्रतीक थे अटल जी. हमने प्रारंभ किया उन्होंने जारी रखा उनको धन्यवाद.
सवाल: सीएम हाउस में इतने त्योहार मनाए, कार्यक्रम किए. क्या जनता शिवराज को फिर कभी उस रूप में देखेगी?
शिवराज: सर्वधर्म समभाव का प्रतीक और सीएम हाउस मैंने जनता का हाउस बना दिया था. मैं जहां रहूंगा वहां भी छोटा घर है. वहां कार्यक्रम छोटे होंगे. हम यहां सब त्योहार मनाएंगे, जन्माष्टमी भी होगी, रामनवमी भी होगी, शिवरात्रि भी होगी, होली भी होगी, रोजा इफ्तार भी होगा, प्रकाशोत्सव भी होगा, क्षमा वाणी भी होगी, क्रिसमस भी होगा. क्योंकि यह भारत की माटी और भारत की जड़ों में है. सर्वधर्म सद्भाव और मैं भारत की संस्कृति का प्रतिनिधि हूं.
सवाल: 13 साल सीएम रहे अब आप कहते हैं 'टाइगर ज़िंदा है' क्यों?
शिवराज: मैं जहां जाता था निराशा होती थी, जनता रोती थी, लोग यहां मिलने आते हैं, तो भी अफसोस जताते हैं. आंखों में आंसू के साथ आते हैं, फिर चिंता प्रकट करते हैं कि अब हम क्या करें, किसके पास जाएं, कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं कि झूठे मुकदमे बनाए जा रहे हैं, प्रताड़ित किया जा रहा है, फिर मेरे अंदर भी अन्याय के खिलाफ लड़ाई का भाव है, क्योंकि अन्याय करने से बड़ा पाप अन्याय सहना है. मैं सहन नहीं करूंगा, अपनी कार्यकर्ताओं के लिए और अपनी जनता के लिए मैं डटकर लड़ाई लड़ूंगा और और इसलिए मेरे मुंह से निकला कि चिंता मत करो टाइगर अभी ज़िंदा है.
सवाल: टाइगर की दहाड़ विधानसभा में सुनाई देगी?
शिवराज: टाइगर तो एक प्रतीक शब्द हो गया, भाव यह है कि हम अन्याय सहन नहीं करेंगे और ना ही अन्याय होने देंगे. अगर होगा तो हम लड़ेंगे, अच्छी चीज होगी हम धन्यवाद देंगे और गड़बड़ होगी तो हम लड़ेंगे.
सवाल: विदिशा लोकसभा सीट से सुषमा स्वराज ने लड़ने से मना कर दिया है क्या शिवराज चुनाव लड़ेंगे, केंद्र में जाएंगे?
शिवराज: सुषमा दीदी ऐसी नेता हैं जिनका सारा देश सम्मान करता है. ईश्वर की उन पर कृपा है, वह स्वस्थ हैं, हमारे बीच हैं, मैंने उनको बहुत आग्रह किया लेकिन अंतिम फैसला पार्टी करेगी. हमारे यहां सुषमा जी भी फैसला नहीं कर सकतीं उनके बारे में, क्योंकि यह तो पार्टी तय करेगी. स्वास्थ्य के कारणों से उनका गांव-गांव जाना अब संभव नहीं है. यह बड़ा मन है उनका क्योंकि जीतने में उनके कोई दिक्कत नहीं थी. अभी भी वह चुनाव लड़ें तो जीत जाएंगी, लेकिन उन्होंने कहा कि यह न्याय नहीं होगा. फिर भी हम आग्रह करेंगे कि वो चुनाव लड़ें. मेरा तो सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि मुझसे अगर कोई पूछे तो मेरा शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा मध्य प्रदेश में काम करने के लिए है. मध्य प्रदेश की जनता के लिए है.