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MP: 2013 में हारे थे शिवराज के ये 10 मंत्री, अब इस मुश्किल में

बीजेपी सूत्रों का तो यह तक कहना है कि नए सिरे से चुनाव समिति के गठन के समय कुछ पुराने सदस्यों की छुट्टी हो सकती है और कुछ को जगह मिल सकती है.

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विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है.
विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है.

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है. पार्टी आलाकमान टिकट बंटवारे को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं. इस कारण 2013 के विधानसभ चुनाव में बड़े अंतरों से हारने वाले शिवराज सरकार के दस मंत्री इस पशोपेश में हैं कि उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं.

मालूम हो कि 2013 विधानसभा चुनाव में शिवराज सरकार में मंत्री रहे कन्हैया लाल अग्रवाल, अजय विश्नोई, दशरथ सिंह लोधी, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, जगन्नाथ सिंह, डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, अनूप मिश्रा, लक्ष्मीकांत शर्मा, करण सिंह वर्मा और हरिशंकर खटीक चुनाव हार गए थे.

इसके बावजूद इनमें से कई नेता इस बार भी अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इसमें सबसे बड़ा पेंच नई प्रदेश चुनाव समिति का गठन अब तक नहीं होना बताया जा रहा है.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो भाजपा में यह व्यवस्था रही है कि चुनाव समिति के सदस्यों से मिलकर उम्मीदवार अपनी व क्षेत्र के समीकरणों की बात रखते हैं.

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इसके बाद ही यह तय होता कि टिकट के मिलने या कटने का मापदंड क्या होगा. इस बार अभी तक नई प्रदेश चुनाव समिति का गठन ही नहीं हुआ, जबकि नए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कई बार भोपाल आ चुके हैं.

सूत्रों का तो यह तक कहना है कि नए सिरे से चुनाव समिति के गठन के समय कुछ पुराने सदस्यों की छुट्टी हो सकती है और कुछ को जगह मिल सकती है. इसीलिए प्रदेश के आला नेता इस पर फैसला लेने से पीछे हट रहे हैं. चुनाव प्रबंधन समेत एक दर्जन कमेटियां बन गईं, लेकिन चुनाव समिति को अंतिम रूप नहीं दिया गया. अब टिकट के दावेदार असमंजस में हैं.

हालांकि, कुछ दिनों पहले सीएम शिवराज ने यह कहा था कि उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र और नेताओं के परफॉरमेंस का सर्वे करवा लिया है. जिसके आधार पर चुनाव में टिकट का बंटवारा होगा. 

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