'एक ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए, जिसके जरिए आम लोग घरों में शेर और बाघ पाल सकें.' मध्यप्रदेश के पशुपालन, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुसुम मेहदले ने बाघ सरंक्षण का हवाला देते हुए ये अजीबोगरीब बयान दिया है.
बाघों के सरंक्षण के लिए ये सलाह देते हुए मेहदले ने कहा कि थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई और अफ्रीकी देशों में इसको लेकर कानूनी प्रावधान हैं. जिन देशों में ऐसे कानून हैं, वहां जानवरों की आबादी बढ़ाने में मदद मिली है. हमारे देश में बाघों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, जिसमें करोड़ो रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन बाघों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.
मेहदले ने कहा कि जिन देशों में इस बाबत कानून है, वहां बाघों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. मंत्री से मिले सुझावों पर मध्यप्रदेश वन सरंक्षक विभाग विचार कर रहा है.