लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को मिली करार शिकस्त के बाद मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की एक मात्र विधायक रमाबाई पथरिया ने बीजेपी पर कांग्रेस से समर्थन वापस लेने के लिए प्रलोभन देने का आरोप लगाया है. बसपा विधायक ने यह आरोप ऐसे समय लगाया है जब राज्य में कांग्रेस सरकार गिरने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को सावधान रहने को कहा है.
बसपा विधायक रमाबाई ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'वे(बीजेपी) सभी को प्रलोभन दे रहे हैं. उनके बहकावे में कोई मूर्ख ही आएगा. मुझे फोन आया था और मंत्री पद के साथ पैसा देने की बात कही गई, लेकिन मैंने सीधे तौर पर मना कर दिया. उन्होंने एक विधायक को 50-60 करोड़ देने की बात कही है.' मध्य प्रदेश में बसपा ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रखा है.
Ramabai, BSP MLA: They (BJP) are making offers to everyone, only fools will come under their influence. I get phone calls offering both Minister berth & money but I have denied the offers. They are offering Rs 50-60 crore to a number of people. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/rP2ZgCKp2I
— ANI (@ANI) May 27, 2019
रामबाई ने आरोप लगाया कि 'वो अकेली नहीं हैं बल्कि बीजेपी ने अन्य विधायकों से भी सम्पर्क साधा है और उन्हें भी पैसे का लालच दिया गया है.' हालांकि रामबाई ने कहा कि 'वो किसी के झांसे में नहीं आएंगी. कमलनाथ उनके बड़े भाई जैसे हैं और वो कमलनाथ सरकार के साथ ही रहेंगी.'
बीजेपी ने बताया मनगढ़ंत
दूसरी ओर बीजेपी ने बसपा विधायक रामबाई के आरोपों को निराधार बताया है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि 'रामबाई को विधायकों का मान इस तरह नहीं गिराना चाहिए क्योंकि विधायक बाजार में रखा कोई सामान नहीं है कि दाम लगाया और खरीद लिया.' रजनीश अग्रवाल ने कहा कि 'रामबाई को यदि वाकई किसी ने खरीदने की कोशिश की है तो उन्हें उसका नाम सार्वजनिक करना चाहिए नहीं तो उन पर कोई यकीन नहीं करेगा.'
रमाबाई ने यह बात ऐसे समय कही है जब लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिलने के बाद मध्य प्रदेश में बनी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनावों में 29 सीटों में से 28 पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया है. वहीं कांग्रेस सिर्फ एक सीट हासिल कर खाता खोलने की खानापूर्ति मात्र कर सकी है. वहीं सरकार गिरने की अटकलों के बीच सीएम कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को सावधान रहने को कहा है.
बता दें कि कुछ ही महीने पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि जिस दिन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चाहेगा, बीजेपी मध्य प्रदेश की सत्ता में वापस लौट आएगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार पर खतरा बढ़ सकता है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार बेचैन है.
मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस को लगता है कि कहीं बीजेपी ने ऐसी कोई कवायद की तो उनकी सरकार संकट में न घिर जाए. 23 मई को जब रुझानों में बीजेपी की बढ़त के संकेत मिलने शुरू हुए तो मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की थी और उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जनता का समर्थन खो दिया है.
राहुल गांधी जता चुके हैं नाराजगी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में पार्टी के सफाये से ज्यादा नाराज हैं. शनिवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में करारी हार पर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी.
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख किया. राहुल गांधी का कहना था कि इन नेताओं ने अपने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया. सीडब्ल्यूसी की बैठक में मौजूद रहे दो नेताओं ने इसकी पुष्टि की थी.
बैठक में मौजूद रहे एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'राहुल इस बात से ज्यादा नाराज थे कि कांग्रेस शासित राज्यों में पार्टी की इतनी बुरी हार हुई है. उनका कहना था कि हम इससे कहीं बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे.' इस बैठक में मौजूद पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा, ''राहुल गांधी ने गहलोत और कमलनाथ, चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का नाम लिया और कहा कि इन नेताओं ने अपने बेटे और रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और फिर इन्हें ही जिताने में लगे रहे. इस चक्कर में दूसरे स्थानों पर इन नेताओं ने पूरा ध्यान नहीं दिया.'