MP: दंगे, बंद, धरने में तोड़फोड़ पर होगी वसूली, विधानसभा में बिल पास
विधेयक पारित होने के बाद अब धरना, प्रदर्शन, जुलूस या साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान पत्थरबाजी से शासकीय/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से उस नुकसान की वसूली की जाएगी. वसूली के लिए जरूरत पड़ने पर उसकी संपत्ति भी कुर्क की जाएगी.
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गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधेयक को बुधवार को सदन में पेश किया था.
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधेयक को बुधवार को सदन में रखा था
गुरुवार को ओबीसी आरक्षण पर हंगामे के बाद बिना चर्चा के ही पारित कराया
मध्यप्रदेश में अब पत्थरबाजों की खैर नहीं. राज्य में अब सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी. विधानसभा में 'मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली विधेयक-2021' बिना चर्चा के ही गुरुवार को पारित हो गया. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे बुधवार को सदन में पेश किया था जिस पर आज चर्चा होनी थी लेकिन ओबीसी आरक्षण पर हुए हंगामे के बीच बिना चर्चा के ही इसे पारित कर दिया गया.
विधेयक पारित होने के बाद अब धरना, प्रदर्शन, जुलूस या साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान पत्थरबाजी से शासकीय/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से उस नुकसान की वसूली की जाएगी. वसूली के लिए जरूरत पड़ने पर उसकी संपत्ति भी कुर्क की जाएगी.
ऐसे हो सकेगी वसूली
इस विधेयक में ऐसी समस्त सरकारी अथवा निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी जो साम्प्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गयी है. इनमें केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं कंपनियों आदि की संपत्ति भी शामिल है.
राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र तथा ऐसी अवधि के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर सकेगी, जो इस विधेयक में उल्लेखित सरकारी/निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में प्रतिकर नियत कर सकें.
राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत्त सचिव को क्लेम ट्रिब्यूनल में नियुक्त किया जा सकेगा.
सरकारी संपत्ति पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा निजी संपत्ति की नुकसान पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता क्लेम ट्रिब्यूनल के पास 30 दिन में आवेदन कर सकेंगे.
क्लेम ट्रिब्यूनल ऐसे क्लेम कमिश्नर को नियुक्त कर सकेगा जो उसे नुकसान के संबंध में जांच में मददगार हो सके.
नुकसान की वसूली, संपत्ति नुकसान करने वाले व्यक्ति के साथ ही इसके लिए उकसाने वालों से भी किया जा सकेगा. क्लेम ट्रिब्यूनल मूल नुकसानी की 2 गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे। साथ ही अवार्ड पारित होने के 15 दिन में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को क्लेम ट्रिब्यूनल में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश भी देने के अधिकार होंगे.
क्लेम ट्रिब्यूनल का हर्जाना या फिर मुआवजे का निर्धारण आवेदन करने के 3 महीने में करना होगा.
क्लेम ट्रिब्यूनल के द्वारा नुकसान की वसूली का अवार्ड घोषित किए जाने के 15 दिन में राशि जमा नहीं करने पर क्लेम ट्रिब्यूनल जिला कलेक्टर को प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे.
क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश केवल मान उच्च न्यायालय में अवार्ड पारित होने के 90 दिन में चैलेन्ज किए जा सकेंगे.