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MP: दंगे-हड़ताल में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं, लागू हुआ वसूली का कानून

मध्य प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर वसूली का कानून लागू हो गया है. बुधवार शाम को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. अब धरना प्रदर्शन, दंगे या जुलूस के दौरान पत्थरबाजी करने वाले और सरकारी/प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ इस नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और नुकसान की वसूली जाएगी. 

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Shivraj Singh Chauhan
Shivraj Singh Chauhan
स्टोरी हाइलाइट्स
  • संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर होगी वसूली
  • MP में लागू हुआ वसूली का कानून

मध्य प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर वसूली का कानून लागू हो गया है. बुधवार शाम को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. अब धरना प्रदर्शन, दंगे या जुलूस के दौरान पत्थरबाजी करने वाले और सरकारी/प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ इस नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और नुकसान की वसूली जाएगी. 

आपको बता दें कि हाल ही में विधानसभा में 'मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक व नुकसानी की वसूली विधेयक-2021' पारित हुआ था. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे सदन में पेश किया था लेकिन ओबीसी आरक्षण पर हुए हंगामे के बीच बिना चर्चा के ही इसे पारित कर दिया गया था. अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे कानून बनाकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.

ऐसे हो सकेगी वसूली

इस विधेयक में ऐसी समस्त सरकारी अथवा निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली की जा सकेगी जो साम्प्रदायिक दंगों, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गयी है. इनमें केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं कंपनियों आदि की संपत्ति भी शामिल है. 

राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र तथा ऐसी अवधि के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन कर सकेगी, जो इस विधेयक में उल्लेखित सरकारी/निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में प्रतिकर नियत कर सकें. राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत्त सचिव को क्लेम ट्रिब्यूनल में नियुक्त किया जा सकेगा. सरकारी संपत्ति पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा निजी संपत्ति की नुकसान पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता क्लेम ट्रिब्यूनल के पास 30 दिन में आवेदन कर सकेंगे. क्लेम ट्रिब्यूनल ऐसे क्लेम कमिश्नर को नियुक्त कर सकेगा जो उसे नुकसान के संबंध में जांच में मददगार हो सके. नुकसान की वसूली, संपत्ति नुकसान करने वाले व्यक्ति के साथ ही इसके लिए उकसाने वालों से भी किया जा सकेगा.

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क्लेम ट्रिब्यूनल मूल नुकसानी की 2 गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे. साथ ही अवार्ड पारित होने के 15 दिन में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को क्लेम ट्रिब्यूनल में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश भी देने के अधिकार होंगे. क्लेम ट्रिब्यूनल का हर्जाना या फिर मुआवजे का निर्धारण आवेदन करने के 3 महीने में करना होगा. क्लेम ट्रिब्यूनल के द्वारा नुकसान की वसूली का अवार्ड घोषित किए जाने के 15 दिन में राशि जमा नहीं करने पर क्लेम ट्रिब्यूनल जिला कलेक्टर को प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे.  क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश केवल मान उच्च न्यायालय में अवार्ड पारित होने के 90 दिन में चैलेन्ज किए जा सकेंगे.

 

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