मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का एक साल पूरा होने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर खुद को टाइगर बताते हुए कहा है कि 'टाइगर अभी जिंदा है'. बता दें कि 15 साल तक मध्य प्रदेश की सत्ता पर राज करने वाली बीजेपी जब पिछले साल सत्ता से बाहर हुई, तब मुख्यमंत्री निवास को खाली करने से पहले लोगों को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि 'टाइगर जिंदा है.'
विपक्ष के सबसे बड़े नेता शिवराज
उस समय लोगों ने इसे बेहद सामान्य तौर पर लिया, लेकिन जिस तरह से पूरे साल शिवराज ने अलग-अलग मोर्चों पर सरकार पर हमला करने के लिए पूरे प्रदेश के दौरे किए उसके बाद विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के रूप में वो अब स्थापित हो चुके हैं. मुद्दा चाहे कर्जमाफी का हो, बाढ़ से फसलों के बर्बाद होने का हो, राहत राशि हो या फिर हाल ही में चल रहे यूरिया संकट की बात हो. शिवराज सिंह चौहान हर मुद्दे पर सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते.
इसी कड़ी में सोमवार शाम को शिवराज भोपाल में अपनी मांगों को लेकर डेरा डाले अतिथि विद्वानों के बीच पहुंचे . दरअसल, चुनाव के वक्त कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनी तो 100 दिन में अतिथि विद्वानों को नियमित कर देंगे. जब साल भर में वादा पूरा नहीं हुआ, तो पूरे प्रदेश से अतिथि विद्वान राजधानी भोपाल पहुंच गए और धरने पर बैठ गए.
'वचन पत्र में वादे किए, पूरे नहीं हुए'
शिवराज ने इस दौरान कहा, 'मुझे लगता था सरकार आपकी मांग पूरी करेगी. मैं अब तक जानबूझ कर नहीं आया. कहीं आप लोगों के प्रदर्शन में सवाल न उठें, लेकिन एक साल पूरा हो गया. वचन पत्र में वादे किए थे लेकिन पूरे नहीं हुए. कमलनाथ सरकार को तुरंत अतिथि विद्वानों के बहाली का आदेश जारी करना चाहिए. अगर आदेश जारी नहीं हुए तो हमें सड़कों पर आने को मजबूर होना पड़ेगा. बीजेपी विधानसभा में अतिथि विद्वानों का मुद्दा उठाएगी.'
इस दौरान भाषण के आखिर में शिवराज ने कहा, 'कमलनाथ जी, इनकी जायज मांगों को पूरा करो. प्रशासन फिर सुन लो, हाथ मत लगा देना, उंगली मत उठा देना, नहीं तो हम से बुरा कुछ नहीं होगा, क्योंकि टाइगर अभी जिंदा है.'