मध्य प्रदेश के इंदौर में जिस मकान को गिराने पहुंची निगम की टीम के अफसर को बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बैट से मारा था उसी मकान का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. इंदौर के गंजी कम्पाउंड के जर्जर मकान को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई गई है. यह याचिका किराएदार परिवार ने लगाई है, जिसमें आकाश विजयवर्गीय के वकील पुष्यमित्र भार्गव किराएदार परिवार का पक्ष हाईकोर्ट में रखेंगे जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.
इस सुनवाई के चलते अब मंगलवार को इस इमारत पर हथौड़ा चलेगा या नहीं यह कोर्ट के फैसले पर निर्भर होगा. इससे पहले निगम कमिश्नर आशीष सिंह ने साफ किया था इंदौर नगर निगम की टीम मंगलवार को जर्जर मकान पर डिमोलिशन की कार्रवाई करेगी.
बता दें कि इंदौर नगर निगम ने मॉनसून से पहले इंदौर के 26 ऐसे मकानों की पहचान की है जो बेहद जर्जर हालत में है और बारिश के दौरान गिर सकते हैं. इंदौर नगर निगम की टीम ऐसे 10 मकानों को तो गिरा भी चुकी थी और गंजी कंपाउंड का यह मकान 11वां मकान था जहां निगम की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची, लेकिन बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने यहां पहुंचकर टीम को मकान नहीं तोड़ने दिया और निगम अधिकारी पर बैट से हमला भी कर दिया.
इसके बाद उपजे विवाद ने आकाश विजयवर्गीय की मुसीबतें बढ़ा दी थी. घायल अधिकारी की शिकायत पर आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और उन्हें 4 दिन जेल में बिताने पड़े, हालांकि आकाश विजयवर्गीय अब जमानत पर बाहर आ चुके हैं और बाहर आते ही उन्होंने साफ कर दिया है मकान के मामले में वो किराएदार परिवार के समर्थन में खड़े रहेंगे.
सीबीआई जांच की सिफारिश
आकाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री कमलनाथ, गृहमंत्री बाला बच्चन और पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन वर्मा को पत्र लिख इंदौर के जर्जर भवन घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है. पत्र में आकाश ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका निगम के द्वारा निर्धन बेसहारा लोगों के हमलों को जर्जर घोषित कर तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है. इसका मकसद व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है.