मध्य प्रदेश के व्यापम कांड का दाग शिवराज सरकार पर था ही कि एक और ऐसा ही कांड हो गया. व्यापम पार्ट 2 की आहट से प्रदेश सरकार सतर्क हो गई वहीं सीएम शिवराज ने जांच के आदेश भी दे दिए. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा निरस्त कर दी है. जिसमें व्यापमं (पीईबी) के तहत ली गईं 3 परीक्षाएं निरस्त की गईं. ऐसे में आजतक की खबर का एक बार फिर बड़ा असर देखने को मिला है.
दरअसल, आजतक ने 11-12 मार्च को '10Tak' में कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में धांधली का मुद्दा प्राथमिकता से उठाया था. जिसके बाद रिजल्ट को होल्ड किया गया था. ऐसे में अब वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, नर्सिंग भर्ती की परीक्षा निरस्त कर दी गई हैं. मामले में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश भी दिए हुए थे.
मामले में कुछ बच्चों ने फर्जीवाड़े की शिकायत की थी, जिसके बाद एसईडीसी (टेक्निकल कमेटी) द्वारा जांच की गई. ऐसे में जांच के बाद परीक्षा में धांधली के जो आरोप थे वो सच साबित हुए.
2020 और 2021 की परीक्षाओं की जांच हुई थी. 10 में 3 परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक हुआ. एनसईआईटी संस्था द्वारा परीक्षा ली गई थी जोकि नामी कंपनी है और रेलवे भर्ती परीक्षा भी यही एजेंसी कराती है. हालांकि अभी तक पीईबी के किसी कर्मचारी की संलिप्तता नहीं पाई गई है, लेकिन साइबर सेल इसकी जांच करेगी.
कैसे हुआ धांधली का शक
वहीं इस मामले में शिकायत की गई थी कि कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में कई लोगों का एक जैसे नंबर आए थे. दरअसल, 10 और 11 फरवरी को कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के करीब 800 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. इसी परीक्षा के उम्मीदवार रंजीत रघुनाथ ने पुलिस को दिए आवेदन में आरोप लगाया कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से ली गई इस परीक्षा में धांधली का शक है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बार प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड में एक साथ कई सारे छात्रों को 190 से ज्यादा या उसके आसपास अंक मिले हैं और टॉप 10 में आए सभी छात्र ग्वालियर-चंबल संभाग से हैं.
बतौर अभ्यर्थी परीक्षा देने वाले रंजीत रघुनाथ ने आरोप लगाया था कि सभी टॉपर्स ने गलती भी एक जैसी की है क्योंकि बोर्ड ने जहां गलती की थी इन सभी टॉपर्स ने उसी गलत विकल्प पर निशान लगाया है. धांधली के आरोप के बाद अभ्यर्थियों ने मांग की कि इस मामले की जांच सीबीआई, लोकायुक्त या किसी अन्य विशेषज्ञ से कराई जाए. अभ्यर्थियों ने कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा का रिजल्ट रोके जाने और टॉपर्स की जांच कराए जाने की मांग की थी. आजतक ने यह मुद्दा प्राथमिकता से उठाया था.