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छिंदवाड़ा में शिवाजी की मूर्ति हटाने पर विवाद, BJP ने पूछा- नेहरू-इंदिरा की मूर्ति हटाते?

मुख्यमंत्री कमलनाथ के क्षेत्र छिंदवाड़ा में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति हटाए जाने पर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी नेता की ओर से राज्य सरकार पर निशाना साधा जा रहा है.

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कमलनाथ सरकार पर हमलावर हुई BJP
कमलनाथ सरकार पर हमलावर हुई BJP

  • मध्य प्रदेश में शिवाजी की मूर्ति पर विवाद
  • छिंदवाड़ा में हटाई गई मूर्ति से रोष
  • लोगों ने जाम किया छिंदवाड़ा-नागपुर हाइवे

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति हटाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. मूर्ति हटाए जाने के खिलाफ लोगों ने हाइवे को जाम कर दिया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी अब राज्य की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. बीजेपी नेता मेजर सुरेंद्र पूनिया ने ट्वीट में लिखा है कि क्या कमलनाथ सरकार राजीव गांधी, इंदिरा गांधी की मूर्ति के साथ भी ऐसा ही करेगी?

दरअसल, छिंदवाड़ा के मोहगांव तिराहे से छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को जेसीबी मशीन से हटा दिया गया. इसी के बाद तनाव शुरू हो गया, यहां शिवसेना समेत हिंदूवादी संगठनों ने रास्ते को जाम कर दिया और नगर पालिका को ज्ञापन भी सौंपा. जिसके बाद अब नगर पालिका की ओर से शिवाजी की मूर्ति के लिए नई जगह तलाशी जा रही है.

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बीजेपी ने उठाए सवाल

सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले बीजेपी के मेजर सुरेंद्र पूनिया ने इस घटना का वीडियो भी ट्वीट किया और राज्य सरकार पर सवाल उठाए.

सुरेंद्र पूनिया ने लिखा, ‘MP की कांग्रेस सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज, जो पूरे राष्ट्र के गौरव हैं उनकी प्रतिमा को छिंदवाड़ा में गिरा दिया. क्या कमलनाथ जी कभी नेहरू जी, इंदिरा जी या राजीव जी की मूर्ति को इस तरह गिरायेंगे ?  नहीं तो फिर शिवाजी की क्यों?’ इसी के साथ उन्होंने उद्धव ठाकरे से ट्विटर पर ही सवाल पूछा और कहा कि क्या आप कांग्रेस को कुछ कहेंगे.

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जाम कर दिया गया था हाइवे

प्रतिमा स्थापना में जब नगर पालिका की ओर से देरी हुई तो कुछ हिंदूवादी संगठनों ने जबरन मूर्ति को स्थापित करवा दिया. हालांकि, प्रशासन ने तुरंत उसे हटवाया. अब लोगों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से शिवाजी की मूर्ति को अपमानजनक तरीके से हटाया गया है. गुस्से में लोगों ने छिंदवाड़ा-नागपुर हाइवे को जाम किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

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मूर्ति को लेकर हुए विवाद के बीच छिंदवाड़ा के एडीएम राजेश शाही का कहना है कि बिना किसी अनुमति के मूर्ति को सरकारी ज़मीन पर रखा गया था, इसलिए उसे तुरंत हटा दिया गया. लेकिन अब नए स्थान पर मूर्ति स्थापित की जा रही है.

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