नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
भोपाल में बुधवारको कांग्रेस कार्यकर्ता नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते नजर आए. इससे पहले कांग्रेस यह ऐलान कर चुकी है कि इस कानून के खिलाफ उसके कार्यकर्ता पूरे देश में सड़कों पर उतरेंगे और मामला कोर्ट में भी ले जाएंगे. कांग्रेस का कहना है कि नागरिकता कानून भेदभाव वाला है, लिहाजा उसका विरोध किया जाएगा. इस बीच एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर भी सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस इसका भी विरोध कर रही है.
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों का कहना है कि एनपीआर दरअसल एनआरसी का ही पहला कदम है, इसलिए इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा. मध्य प्रदेश में अपने विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस ने शांति मार्च का नाम दिया है. इस शांति मार्च में सूबे के मुखिया और कांग्रेस नेता कमलनाथ भी शामिल होंगे. उनके साथ हजारों की तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरेंगे. भोपाल में तकरीबन 1 किलोमीटर लंबा मार्च निकालने की तैयारी है. कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में तिरंगा लिए सड़कों पर उतर गए हैं. भोपाल के रंगमहल से शुरू होकर यह मार्च मिंटो हॉल तक जाएगा और वहां से महात्मा गांधी की प्रतिमा तक जाने की योजना है.
भोपाल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने इस मार्च का समापन होगा. कांग्रेस के इस विरोध मार्च में हजारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं. प्रदेश के सभी जिलों से कांग्रेस कार्यकर्ता मार्च में शामिल हो रहे हैं.
उधर विपक्षी बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मार्च को अशांति फैलाने वाला बताया. भार्गव ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है. मुख्यमंत्री कमल नाथ का शांति मार्च प्रदेश में अशांति फैलाने के लिए है. नागरिकता संशोधन कानून में नागरिकता देने का प्रावधान है, लेने का नहीं, लेकिन कांग्रेस इसे दुष्प्रचारित कर रही है.(एजेंसी से इनपुट)