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MP: बीजेपी का गढ़ है विदिशा, 1980 से नहीं हारी है यहां चुनाव

मध्य प्रदेश की विदिशा सीट वीवीआईपी सीट कहलाती है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का ये संसदीय क्षेत्र है. इसके अलावा ये शिवराज सिंह चौहान का भी संसदीय क्षेत्र रहा है. 1980 से इस सीट पर बीजेपी नहीं हारी है.

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विदिशा की सांसद सुषमा स्वराज
विदिशा की सांसद सुषमा स्वराज

विदिशा विधानसभा सीट जिले की अहम सीटों में से एक है. यह बेतवा नगरी के नाम से मशहूर है. ऐतिहासिक उदयगिरी भी इस शहर का हिस्सा है. यहां कुल मतदाता 2 लाख 3 हजार 18 हैं. इस सीट पर 40 हजार के करीब एसी-एसटी मतदाता हैं. इसके बाद कुशवाहा जाती की भी संख्या यहां अच्छी खासी है.

यह सीट वीवीआईपी सीट भी कहलाती है. यह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का संसदीय क्षेत्र है. इसके अलावा शिवराज सिंह का भी ये संसदीय क्षेत्र रहा है. 2013 के चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां से चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्होंने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उपचुनाव हुआ था.

फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. कल्याण सिंह ठाकुर यहां के वर्तमान विधायक हैं.  इससे पहले 2008 के चुनाव में बीजेपी के राघव जी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के शंशाक भार्गव को 12 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. इस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है.

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यहां पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही लड़ाई होती आई है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है. 1980 के बाद से ही यह सीट बीजेपी की मजबूत गढ़ रही है. यहां पर हुए अब तक चुनाव में कांग्रेस केवल दो बार ही जीत हासिल कर पाई है.

1957 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के विधायक ने जीत हासिल की. 1962 के चुनाव में हिंदू महासभा से गोरेलाल चुनाव जीते. इसके बाद 1967 में भारतीय जनसंघ के एस सिंह विधायक बने. 1972 में एक बार  फिर कांग्रेस को जीत मिली और डॉ. सूर्य़प्रकाश सक्सेना ने चुनाव जीता. 1977 में जनता पार्टी के नरसिंह दास गोयल चुनाव जीते. 1980 से लेकर अब तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.

आने वाले चुनाव के लिए टिकट की बात करें तो बीजेपी एक बार फिर वर्तमान विधायक कल्याण सिंह ठाकुर को मैदान में उतार सकती है.  तो वहीं कांग्रेस की ओर से शंशाक भार्गव टिकट की रेस में आगे चल रहे हैं. इसके अलावा आनंद सिंह का भी नाम आगे चल रहा है. इस क्षेत्र में पानी की दिक्कत है. विदेश मंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद यहां पर विकास की रफ्तार काफी धीमी है.

2013 के चुनावी नतीजे

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मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.

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