मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन यहां पर पिछले 15 साल से बीजेपी सत्ता पर काबिज है. 15 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस एक बार फिर जीत का स्वाद चखना चाहती है. राज्य में सत्ता पर काबिज होने के लिए ग्वालियर एक अहम सीट मानी जाती है. यहां पर विधानसभा की 6 सीटें हैं.
ग्वालियर मध्य प्रदेश के 51 जिलों में से एक है. यहां पर ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर ईस्ट, ग्वालियर साउथ, भितरवार और डाबरा विधानसभा सीट है. ग्वालियर ग्रामीण सीट ग्वालियर लोकसभा सीट का ही हिस्सा है. 2008 तक इस विधानसभा सीट को मुरार विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था.
ग्वालियर ग्रामीण की सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी के भरत सिंह कुशवाहा यहां से विधायक हैं. ग्वालियर ग्रामीण में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में नहीं बल्कि मुकाबला त्रिकोणीय होता आया है.क्योंकि मैदान में बीएसपी भी होती है. 2008 में बीएसपी तो 2013 में बीजेपी की जीत हुई थी.
माना जा रहा है कि इस बार बीजेपी की ओर से मैदान में वर्तमान विधायक भारत सिंह कुशवाह ही होंगे. बात कांग्रेस की करें तो कल्याण सिंह कंसाना और रामसेवक सिंह गुर्जर प्रबल दावेदार हैं.बीएसपी से पूर्व विधायक लाखन सिंह बघेल एकलौते दावेदार माने जा रहे हैं.
2013 के नतीजे
मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटे हैं. 230 सीट पर चुनाव होते हैं और एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.
2013 ग्वालियर ग्रामीण चुनाव का परिणाम
भारत सिंह कुशवाहा (बीजेपी) -47944
रामसेवक सिंह बाबूजी (कांग्रेस) - 36006
मदन कुशवाह (बसपा) - 16191
ग्वालियर ग्रामीण का जातीय समीकरण: यहां 35-40 हजार कुशवाह हैं. वहीं 25 हजार जाटव वोटर्स हैं. 20 हजार गुर्जर, 15 हजार बघेल, 8-10 हजार ब्राह्मण, 8-10 हजार यादव वोटर हैं. शेष में अन्य जातियां के वोटर हैं.