गुना विधानसभा सीट 2008 से अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है. गुना जिले में 4 विधानसभा सीटें आती हैं. इस सीट पर ज्यादातर बीजेपी और कांग्रेस को ही जीत हासिल होती आई है. 1951 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के सीताराम टट्के ने जीत हासिल की थी. यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का गृह जिला तो ही साथ ही सिंधिया परिवार के दबदबे वाला इलाका भी है.
लंबे समय तक कांग्रेस के मजबूत किलों में से एक गुना विधानसभा क्षेत्र में फिलहाल बीजेपी का कब्जा है और पन्नालाल शाक्ष्य विधायक हैं. उन्होंने 2013 के चुनाव में 81444 वोट हासिल कर कांग्रेस के नीरज निगम को 45111 वोटों से हराया था. वहीं 2008 के चुनाव में भारतीय जनशक्ति पार्टी के राजेंद्र सिंह जीत हासिल किए थे. उनको 29540 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस की संगीता मोहन रजक 16606 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थीं.
गुना के बारे में
गुना ग्वालियर संभाग में स्थित है. जिले में गुना, आरोन, राघौगढ, मधुसूदनगढ़ , बमोरी, चाचोड़ा एवं कुंभराज सात तहसीलें हैं. तथा गुना, आरोन, राघौगढ, चाचोड़ा , बमोरी पांच विकासखण्ड है. जिले में आबाद ग्रामों की संख्या 1264 तथा कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 425 है. साथ ही जिले में 5 जनपद पंचायतें तथा 2 नगरपालिका एवं 3 नगर पंचायतें हैं.
गुना के मुद्दे
मुद्दों की बात की जाए तो शहरी इलाके में गंदगी सबसे बड़ी समस्या है. यहां पर उच्च शिक्षा के संस्थानों का अभाव और सरकारी स्वास्थ्य सेवा की बदहाली भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. गुना में इस बार भी मुकाबला दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहेगा. हालांकि तीसरे दल के रूप में बसपा या आम आदमी मैदान में उतरकर दोनों दलों का खेला बिगाड़ सकती हैं. इस बार के चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से मौजूदा विधायक पन्नेलाल टिकट के दावेदार हैं, तो वहीं रमेश मालवीय भी टिकट की दौड़ में चल रहे हैं. कांग्रेस की ओर से नीरज निगम तो टिकट के लिए सबसे आगे चल रहे हैं.