मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट है. बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मौजूदा विधायक प्रमिला सिंह की कथित असक्रियता के चलते यह सीट भगवा पार्टी के लिए चुनौती साबित हो सकती है, जबकि स्थानीय स्तर पर कांग्रेस में अंतर्कलह की वजह से यहां पर एक तीसरी पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लिए सकारात्मक रुझान बना चुका है. मगर कांग्रेस की तरफ से समान विचार वाली पार्टियों के साथ गठबंधन के वास्ते पहल की जाती है तो निश्चित तौर पर भाजपा के लिए रास्ते कठिन हो जाएंगे.
विधानसभा चुनावों को लेकर अधिकांश नेताओं की नजर जयसिंहनगर पर टिक चुकी हैं. हालात ये हैं कि दिग्गज नेता आदिवासियों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के वास्ते उनके बीच चक्कर काट रहे हैं. जयसिंहनगर की विधायक प्रमिला सिंह ने रोजाना पांच गांव घूमना शुरू कर दिया है. वहीं गोंडवाना गणतंत्र युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य तेज प्रताप उइके किसान आंदोलन को लेकर खम ठोंक रहे हैं. आदिवासी समाज में मजबूत पकड़ की वजह से यह विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत दावेदार बताए जा रहे हैं.
पिछले विधानसभा चुनावों में प्रमिला सिंह ने 2,20,610 वोटों में से 74,156 यानी 44.87 फीसदी वोट हासिल कर जीत सुनिश्चित की थी. वहीं कांग्रेस के ध्यान सिंह 60,193 मतलब 36.42 फीसदी वोटों पर कब्जा कर दूसरे स्थान पर रहे थे. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की सुनीता सिंह 10,574 वोट 6.40 प्रतिशत वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं, और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राम लाल 3506 वोट यानी 2.12 प्रतिशत वोटों पाकर चौथे स्थान पर रहे.
गठबंधन से कठिन होगी भाजपा की राह
इस बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गठबंधन बनने के आसार हैं. अगर तीनों दल गठबंधन बनाने में सफल होते हैं तो निश्चित तौर पर यह कांग्रेस की एक बड़ी कामयाबी होगी जो भाजपा के लिए चुनौती पेश कर सकती है क्योंकि तीनों दलों का वोट प्रतिशत मिला दिया जाए तो यह 44.94 प्रतिशत बैठता है, जो भाजपा के 2013 के विधानसभा चुनावों में मिले कुल मतों 44.87 प्रतिशत से ज्यादा है. लेकिन अगर कांग्रेस गठबंधन बनाने से चूकी और अपनी अंतर्कलह को दूर नहीं कर पाई तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अहम भूमिका निभा सकती है.