कार्यस्थल पर महिलाओं पर होने वाले यौन शोषण पर शिकंजा कसने के लिए बनाई गई विशाखा कमेटी से जुड़ी एक जज खुद ही इस पचड़े में फंस गई.
ग्वालियर की एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने हाई कोर्ट के एक जज पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. पीडि़ता ने इस बाबत चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा और हाईकोर्ट के सीजे को शिकायत भेजी है.
यह खबर अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी है. दिल्ली कोर्ट में 15 साल तक वकालत करने के बाद जज बनीं पीड़िता ने कहा कि आरोपी जज उन्हें अकेले अपने बंगले पर बुलाने का दबाव बनाता था. यही नहीं एक बार तो उसने हद ही कर दी और उससे उसने आइटम सॉन्ग पर डांस करने की बात कह डाली. पीडि़ता ने कहा कि उसने अपना स्वाभिमान बचाने के लिए रिजाइन कर दिया है.
अक्टूबर 2012 में ग्वालियर में इनकी तैनाती हुई थी और अप्रैल 2013 में इन्हें जिले की विशाखा कमेटी का चेयरपर्सन बनाया गया था. शिकायत पत्र में कहा गया है कि एक बार आरोपी जज ने अपने घर पर होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान उनसे एक आइटम सॉन्ग पर डांस करने की बात कही थी. इस बारे में आरोपी जज ने जिला रजिस्ट्रार के मार्फत संदेश भेजवाया था.
रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी 12वीं क्लास में है और आरोपी जज ने जानबूझकर उनका ट्रांसफर बीच में ही करवा दिया. जब पीड़िता ने आरोपी जज के पास इसकी शिकायत की, तो जज ने कहा कि आप मेरी बात क्यों नहीं मान रही हैं.
जस्सि लोढ़ा ने पीड़िता की शिकायत पर कहा कि यह अकेला ऐसा प्रोफेशन है, जहां हम अपने सहयोगियों को भाई और बहन कहकर संबोधित करते हैं. यह दुखद है. शिकायत दर्ज होने के बाद मैं इस मामले में उचित कदम उठाऊंगा.