एक स्थानीय कोर्ट ने पूर्व पुलिस उपाधीक्षक दर्शन सिंह चीमा को एक स्कूल शिक्षिका की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी नौकरानी हाजरा बानो उर्फ हज्जू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. मामले में एक अन्य आरोपी नरेन्द्र सिंह उर्फ बिट्टू की मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी.
विशेष अपर सत्र न्यायाधीश कमर इकबाल खां ने शनिवार को सुनाये अपने फैसले में चीमा को सुधा शर्मा की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि हाजरा बानो उर्फ हज्जू को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया. एक आरोपी नरेन्द्र उर्फ बिट्टू की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई थी.
कोर्ट द्वारा फैसला सुनाये जाने के बाद चीमा को पुलिस अभिरक्षा में ले लिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया.
अभियोजन के अनुसार 15 जून 2007 को इंदार थाना क्षेत्र में खतोरा ग्राम के सुदर्शन कान्वेंट स्कूल की शिक्षिका सुधा शर्मा की हत्या और उसकी चूड़ी, मंगलसूत्र और सात हजार रुपये नकद लूट लिये जाने की लिखित सूचना चीमा द्वारा इंदार थाना प्रभारी अवनीश शर्मा को दी गई थी. चीमा ने सुधा की हत्या के पीछे नौकरानी हाजरा बानो का हाथ होने की आशंका व्यक्त की थी.
पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर हाजरा बानो को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन इस मामले की तफ्तीश में इंदार थाना प्रभारी अवनीश शर्मा द्वारा पारिस्थितजन्य साक्ष्यों की अनदेखी की गई.
इस मामले में शिकायतें प्राप्त होने के बाद दूसरे अधिकारी द्वारा की गई जांच में पारिस्थितिजन्य साक्ष्य सुदृढ़ होते गए. जांच में स्पष्ट हुआ कि मृतका सुधा शर्मा के मोबाइल पर चीमा द्वारा अंतिम बार बात की गई थी. जांच आगे बढ़ाई गई, तो पता चला कि चीमा भी इस हत्याकांड में शामिल था. तत्कालीन जांच अधिकारी ने बाद में नरेन्द्र सिंह उर्फ बिट्टू को भी आरोपी बनाया था.
- इनपुट भाषा