मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले पर चल रहे हाई वॉल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बीच एसटीएफ ने राज्यपाल राम नरेश यादव पर एफआईआर दर्ज कर लिया है. राज्यपाल पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा है. घोटाले में राज्यपाल के बेटे शैलेश यादव और ओएसडी धनराज यादव पहले ही आरोपी बनाए जा चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप है और उन पर भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. इससे पहले मंगलवार शाम मामले की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने भी साफ किया था कि गवर्नर पर एफआईआर के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.
जांच टीम के अध्यक्ष चंद्रेश भूषण ने कहा, 'गवर्नर हों या कोई मंत्री, एफआईआर दर्ज करने के लिए जांच एजेंसी को किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. इस पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ केवल चालान पेश करने के लिए ही अनुमति लेने की जरूरत पड़ती है.' भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'राज्यपाल के पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए किसी को अनुमति देने का अधिकार नहीं दिया गया है.'
सीएम शिवराज सिंह पर लगे आरोपों की जांच तीसरी एजेंसी करेगी
चंद्रेश भूषण ने कहा है 'संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर लगाए गए कांग्रेस के आरोपों की जांच कोई तीसरी एजेंसी भी कर सकती है. एक्सल
शीट में छेड़छाड़ का आरोप हाईकोर्ट की बनाई एसटीएफ पर ही लगा है. इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो किसी तीसरी जांच एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.'
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा इस घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं और केंद्रीय मंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता उमा भारती का नाम भी इस घोटाले में सामने आ रहा है. इस पूरे घोटाले में अभी तक 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है.