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मध्य प्रदेश के किसान संगठनों में पड़ी फूट, भारतीय किसान संघ ने कहा- अब राजनीति से प्रेरित आंदोलन

भारतीय किसान संघ के सचिव मोहिनी मोहन ने कहा की क़र्ज़ माफ़ी से कभी किसान का भला नहीं हुआ और राजनेताओं ने वर्षों से क़र्ज़ माफ़ी का लॉलीपॉप देकर किसानों को ठगा ही है.

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फोटो क्रेडिट: IPF
फोटो क्रेडिट: IPF

मध्य प्रदेश में भारतीय किसान मोर्चे के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा उर्फ़ कक्काजी के ऐलान के बाद राजनीति ने जोर पकड़ लिया है. काकाजी ने ऐलान किया था कि किसान चक्का जाम करेंगे और 21 जून को योग दिवस के दिन शव आसान करेंगे. अब आरएसएस से जुड़े संगठन भारतीय किसान संघ ने आरोप लगाया कि कभी RSS से जुड़े रहे कक्काजी भी राजनीतिक फ़ायदे के लिए किसानों को उकसा रहे हैं.

भारतीय किसान संघ का कहना है कि किसान की मांग कभी क़र्ज़ माफ़ी थी ही नहीं यह आंदोलन प्याज़ और दाल की ख़रीद को लेकर शुरू हुआ था जिसे शिवराज सिंह चौहान ने मान भी लिया लेकिन नेताओं के बहकावे में आकर किसान आंदोलन हिंसक हो गया और हालात बिगड़ गए. भारतीय किसान संघ के सचिव मोहिनी मोहन ने कहा की क़र्ज़ माफ़ी से कभी किसान का भला नहीं हुआ और राजनेताओं ने वर्षों से क़र्ज़ माफ़ी का लॉलीपॉप देकर किसानों को ठगा ही है. अब सरकार किसानों को बहकाना बंद करे. संघ का कहना है कि किसानों के नाम पर जो भी नेता सामने आए वह राजनीतिक पार्टी बनाकर मुद्दे से भटक गए, कक्काजी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ इसलिए अब वह संघ के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं जिसके साथ देश में सबसे ज़्यादा किसान हैं.

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किसान संघ अगले हफ़्ते से राजस्थान में बिजली और पानी की मांग को लेकर भी आंदोलन शुरू करने वाला है जिसमें क़र्ज़ माफ़ी कोई मुद्दा नहीं होगा. दरअसल कभी आरएसएस से जुड़े रहे किसान नेता शिव कुमार शर्माकुमार शर्मा ने आज आरोप लगाया था की उन्हें दुख है कि कभी वह संघ से जुड़े रहे क्योंकि बीजेपी ने किसानों के साथ धोखा किया है. कक्काजी के इस आरोप के जवाब में भारतीय किसान संघ ने मोर्चा सम्भाला और किसान आंदोलन को राजनीति से प्रेरित क़रार दिया.

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