शिवराज से मिले मारे गए 4 किसानों के परिवार, कहा- तोड़ दें उपवास, CM हुए भावुक
मंदसौर गोलीकांड में मारे गए 4 किसानों के परिजनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुलाकात की. मुलाकात के दौरान शिवराज भावुक हो गए. पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से रोकर उपवास तोड़ने की अपील की.
मंदसौर गोलीकांड में मारे गए 4 किसानों के परिजनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुलाकात की. मुलाकात के दौरान शिवराज भावुक हो गए. पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से रोकर उपवास तोड़ने की अपील की. पीड़ित परिवार की अपील पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब तक प्रदेश में शांति बहाली नहीं हो जाती, उपवास नहीं तोड़ूंगा. किसानों के पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दोषियों को सज़ा दिलाने की भी अपील की, उन्होंने कहा कि गोली चलाने वालों को सख्त सज़ा मिलनी चाहिए.
Families of four farmers who died in #Mandsaur police firing, meet CM Shivraj Singh Chouhan in Bhopal requesting him to call off his fast. pic.twitter.com/gVzs5H8oi2
किसान आंदोलन की आंच से झुलसते मध्य प्रदेश को बचाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज ने गांधीगीरी का रास्ता चुना है. सूबे में शांति बहाली के लिए वो आज से बेमियादी उपवास पर बैठ गए हैं. मगर सवाल ये है कि क्या उपवास से खत्म होगा किसानों का आक्रोश. वहीं आंदोलनकारी किसान भी शिवराज के उपवास के जवाब में दशहरा ग्राउंड में ही उपवास पर बैठ गए हैं. यानी अब उपवास का जवाब उपवास से दिया जा रहा है.
आंदोलनकारियों से शिवराज की अपील
दरअसल सुलगते मध्य प्रदेश को शांत करने की जब सारी अपीलें, सारे ऐलान, सारी कवायदें खत्म हो गए, जब लगने लगा कि किसान आंदोलन की आग बुझने के बजाय धधकती ही जा रही है तो इस आग को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेमियादी उपवास पर बैठ गए. ये कहकर कि उनकी एक-एक सांस प्रदेश की जनता के लिए हैं. भोपाल के दशहरा ग्राउंड पर उपवास पर बैठते ही किसानों की बात की. जिसके बाद शिवराज ने कहा, 'किसानों की पीड़ा समझता हूं, किसानों से ही बढ़ेगा प्रदेश'.
ज्योतिरादित्य सिंधिया सत्याग्रह की राह पर
इस बीच कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐलान किया है कि वे 14 जून से भोपाल में 72 घंटे का सत्याग्रह करेंगे. सिंधिया ने बताया इससे पहले 12 जून को इंदौर में और 13 जून को मंदसौर में घायल किसानों और मारे गए किसानों के परिजनों से मिलेंगे.
किसान आंदोलन पर राजनीति भी चरम पर
सीएम साहब किसानों को समझाने-बुझाने और मनाने के लिए उपवास पर बैठने को मजबूर हैं. इधर कांग्रेस कह रही है कि सीएम को उपवास नहीं राजनीतिक वनवास लेना चाहिए. कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर है. लेकिन सूबे के गृहमंत्री मानते हैं कि सारी हिंसा कांग्रेस प्रायोजित है. सुलगते मध्य प्रदेश के बीच धधकती राजनीति है. उपवास पर बैठे सीएम किसानों से मिल रहे हैं, उनसे बात कर रहे हैं.
अब बड़ा सवाल ये है कि आग की लपटों में घिरे मध्य प्रदेश को सीएम का उपवास शांत कर सकेगा, क्या सीएम का उपवास किसानों के आक्रोश को ठंडा कर सकेगा.