मध्य प्रदेश के जिला विदिशा में इस दशहरा रंगत फीकी नजर आई. कोरोना काल में रावण के पुतले का कद छोटा कर दिया गया, तो वहीं हर वर्ष की तरह न तो आसमानी आतिशबाजी का रोमांच रहा और ना हीं जगमगाता मैदान दिखाई दिया. कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन करते हुए महज 15 सेकेंड में रावण का पुतला जलकर स्वाहा हो गया.
विदिशा के जैन कालेज परिसर में हर वर्ष की तरह इस बार भी रावण के पुतले का दहन हुआ. पहले 40 फीट का पुतला बनाया जाता था, लेकिन इस बार रावण के पुतले का कद छोटा कर दिया गया. मैदान में 21 फीट का पुतला लगाया गया. शाम होते ही लोग मैदान में आना शुरू हो गए.
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रात करीब 10 बजे जहां रावण के पुतले का दहन किया जाता था, वो इस बार 7.15 बजे ही कर दिया गया. वहीं इस बार लोगों को न तो आसमानी आतिशबाजी दिखाई दी और नाहीं वो पुराना रोमांचक नजारा दिखा. दशहरा के दिन कभी हजारों लोगों से खचाखच भरा रहने वाला ये मैदान महज 200 से 250 लोगों की भीड़ में सिमटकर रह गया.
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