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डॉक्टरों ने आदिवासी के सीने से निकाला 40 साल पुराना तीर का टुकड़ा

मध्य प्रदेश में इंदौर के महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने 55 वर्षीय एक आदिवासी मरीज का सफल ऑपरेशन कर उसके सीने से 40 साल पुराना तीर का टुकड़ा निकला है. आदिवासी के सीने में 40 साल पहले धंसे इस लोहे के तीर के टुकड़े का आकार करीब 4X1.5 इंच है. मरीज अब स्वस्थ है और डॉक्टरों के अनुसार सात-आठ दिन बाद टांके कटने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

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मध्य प्रदेश में इंदौर के महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने 55 वर्षीय एक आदिवासी मरीज का सफल ऑपरेशन कर उसके सीने से 40 साल पुराना तीर का टुकड़ा निकला है. आदिवासी के सीने में 40 साल पहले धंसे इस लोहे के तीर के टुकड़े का आकार करीब 4X1.5 इंच है. मरीज अब स्वस्थ है और डॉक्टरों के अनुसार सात-आठ दिन बाद टांके कटने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुमित शुक्ला ने शनिवार को बताया कि एमवाय अस्पताल में डॉ अंकुर माहेश्वरी, डॉ सोनिया मोजेज, सिद्धार्थ दुबे सहित सात डॉक्टरों की टीम ने करीब तीन घंटे का ऑपरेशन कर शुक्रवार को मरीज के सीने से इस तीर के लोहे के टुकड़े को बाहर निकाला, जो करीब 40 साल से उसके सीने में बांयी तरफ धंसा हुआ था.

शुक्ला ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा तथा करीब सात-आठ दिन में मरीज के टांके भरने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. फिलहाल मरीज को गहन आईसीयू में रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि 40 साल तक सीने में तीर का टुकड़ा धंसा होने के बावजूद भी मरीज को कोई इन्फेक्शन नहीं हुआ और वह अपना सामान्य कामकाज करता रहा.

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उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले आलीराजपुर के रहने वाले मानसिंह को 40 साल पहले गांव में पारिवारिक झगड़े के दौरान छाती में तीर लग गया था. तब उसकी उम्र करीब 15 साल थी. उस समय घरवालों ने तीर खींचकर निकाला तो शायद लकड़ी का हिस्सा बाहर आ गया और तीर का लोहे का नुकीला भाग छाती में ही रह गया. उस वक्त जड़ी-बूटी लगाकर जख्म भर गया. पिछले दिनों सीने में दर्द की शिकायत पर उसने एक्स रे करवाया. एक्स रे में उसके सीने में बांयी तरफ तीर का टुकड़ा धंसा होने का खुलासा हुआ तब उसे इंदौर के एमवाय अस्पताल में भेज दिया गया.

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