मध्य प्रदेश में हुए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) भर्ती घोटाले की आंच केंद्रीय मंत्री उमा भारती तक पहुंच गई है. शनिवार को कांग्रेस ने भोपाल में एक प्रेस कर इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ साथ केंद्रीय मंत्री उमा भारती को भी घेरा. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सिफारिश करने वालों की लिस्ट में उमा भारती भी शामिल हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्र ने व्यापम यानी व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले को शिक्षा का महाघोटाला करार देते हुए कहा कि उमा भारती का नाम इस घोटाले में पहले से था लेकिन सरकार ने उसे हटवा दिया था. कांग्रेस पार्टी का दावा है कि भारती ने 15 लोगों की सिफारिश की थी जिनके रॉल नंबर भी मौजूद है.
कांग्रेस का इल्जाम है कि मुख्यमंत्री निवास से 139 कॉल किए गए हैं जिन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए. व्यापम घोटाले के छींटें शिवराज सरकार के पूर्व मंत्रियों और आला अधिकारियों पर भी पड़े हैं जिनमें से कई फरार बताए जा रहे हैं.
एसटीएफ ने शनिवार को दो दर्जन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जिन्हें 30 जून तक जेल भेज दिया गया है. इन आरोपियों में ज्यादातर लड़कियां हैं. एसटीएप ने इस मामले में शनिवार को पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से भी पूछ-ताछ की. पूछताछ के दौरान इस मामले में गिरफ्तार आरोपी कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी, चीफ एनालिस्ट नितिन महेंद्र और ओएसडी ओपी शुक्ला भी मौजूद थे.
गौरतलब है कि इस मामले में एसटीएफ ने 500 छात्रों की लिस्ट तैयार की थी जो साल 2012-13 में पीएमटी की परीक्षा में शामिल हुए थे लेकिन सारे के सारे फर्जी थे.