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जानिए कैसे 'एक फोन कॉल' से उठा भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले से पर्दा

इंदौर के चर्चित भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले से इंदौर पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मामले में पुलिस खाली हाथ ही रह जाती अगर एक फोन कॉल से उसने कड़ियां जोड़नी शुरू नहीं की होती.

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भय्यूजी महाराज
भय्यूजी महाराज

इंदौर के चर्चित भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले से इंदौर पुलिस ने पर्दा उठा दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मामले में पुलिस खाली हाथ ही रह जाती अगर एक फोन कॉल से उसने कड़ियां जोड़नी शुरू नहीं की होती. इंदौर रेंज के डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने आजतक से बात करते हुए बताया कि कैसे एक फोन कॉल ने भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले में चल रही पूरी इन्वेस्टिगेशन को नई दिशा दे दी.

डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि 'पुलिस की जांच चल ही रही थी कि एक दिन ट्रस्ट से जुड़े वकील को एक कॉल आया जिसमें 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई. हमारे पास शिकायत आई और हमने उस नम्बर को सर्विलांस पर लेकर निगरानी शुरू कर दी. थोड़े दिनों में ही उस नम्बर के जरिए हम लोग भय्यूजी महाराज के एक ड्राइवर तक पहुंच गए जिसने पूछताछ में कई ऐसी जानकारी दी जो अब तक चल रही जांच से बिल्कुल अलग थी'.

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डीआईजी मिश्र के मुताबिक ड्राइवर ने बताया कि भय्यूजी की आत्महत्या के कुछ दिनों बाद से ही परिवार के लोगों के बीच तल्खियां बढ़ गईं और सेवादारों के बीच भी झगड़े होने लगे थे. ड्राइवर के बयान के आधार पर इंदौर पुलिस ने कुल 125 लोगों से अलग अलग जगहों पर पूछताछ की और 28 लोगों के आधिकारिक बयान दर्ज किए गए. डीआईजी के मुताबिक सब बयानों और डिजिटल एविडेंस यानी फोन कॉल रिकार्ड्स, पुरानी चैट्स को जब जोड़ा गया तो सबूत मिलते चले गए और उनके आधार पर सेवादार विनायक, शरद और पलक को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस के मुताबिक इनके पास आपत्तिजनक चैट्स का स्क्रीनशॉट था जिसकी आड़ में ये भय्यूजी को ब्लैकमेल कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि पकड़े गए लोगों में पलक नाम की युवती भी शामिल है. यह पूर्व में भय्यूजी की सेक्रेटरी रह चुकी है और लगातार भय्यूजी पर शादी का दबाव बना रही थी. शादी ना होने पर पुलिस कार्रवाई की धमकी भी दे रही थी. पुलिस को इनसे पूछताछ में पता चला कि इन्होंने इसकी आड़ में कई बार भय्यूजी से रुपये भी ऐंठे जिससे भय्यूजी बेहद मानसिक तनाव में थे.

बहरहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन जिस तरह से आत्महत्या मामले में भय्यूजी के सबसे खास सेवादार विनायक का नाम आया है उसने सबको हैरान ज़रूर कर दिया है. बता दें कि भय्यूजी महाराज ने 2018 के जून महीने में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. उनकी मौत के बाद मौके से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने तनाव के कारण यह कदम उठाने का जिक्र किया था.

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