
मध्य प्रदेश सरकार ने दिवाली पर देवी-देवताओं की तस्वीर वाले पटाखों पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया है. करोड़ों लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भले ही सरकार ने यह फैसला ले लिया है लेकिन इस फैसले ने उन पटाखा व्यापारियों के सामने समस्या खड़ी कर दी है जिन्होंने दिवाली के त्योहार के लिए पहले से माल जमा कर रखा था. हालांकि व्यापारी इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. वहीं कई व्यापारी ऐसे भी हैं जो पिछले कुछ सालों से ही देवी-देवताओं की तस्वीर वाले पटाखे नहीं बेच रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने फैसले का स्वागत किया है लेकिन व्यापारियों के नुकसान की भरपाई की मांग भी की है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऐलान के साथ ही तय हो गया कि इस दिवाली पर मध्य प्रदेश में देवी-देवताओं की तस्वीर लगे पटाखे ना तो देख सकेंगे और ना ही पटाखे फोड़ सकेंगे. दरअसल, लंबे समय से हिंदूवादी संगठनों की मांग थी कि देवी-देवताओं की तस्वीर लगे पटाखे करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं क्योंकि दिवाली के अगले दिन देवी देवताओं की तस्वीर सड़कों पर कूड़े की तरह पड़ी रहती है, जिससे देवी-देवताओं का अपमान होता है. शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले की तारीफ तो हो रही है लेकिन यह फैसला अब उन पटाखा व्यापारियों के सामने गले की फांस बन गया है, जिन्होंने बेचने के लिए पटाखे जमा कर रखे थे.
भोपाल के पटाखा व्यवसाई राजकुमार भी उनमें से एक हैं, जिन पर सरकार के फैसले का असर पड़ा है. राजकुमार पिछले कई साल से पटाखों का व्यवसाय कर रहे हैं. हालांकि सरकार के फैसले से पहले वह खुद कई बार पिछले सालों में हिंदूवादी संगठनों का विरोध झेल चुके हैं. ऐसे में उन्होंने पहले ही देवी-देवताओं की तस्वीर वाले पटाखे बेचना लगभग बंद कर दिया था. हालांकि कई पटाखों में अभी भी वह तस्वीर आती है. लिहाजा वह पटाखे दुकान में तो माल के साथ आते हैं लेकिन राजकुमार उन्हें बेचने से बचते हैं.

अब राजकुमार का कहना है कि यदि पटाखा बनाने वाले ही देवी-देवताओं की तस्वीर लगाना बंद कर दें तो इससे व्यापारियों का नुकसान नहीं होगा क्योंकि अभी जो पटाखे रह गए हैं अब सरकार के फैसले के बाद उन्हें बेच नहीं सकेंगे. जिससे नुकसान तो होगा ही. कुछ ऐसा ही हाल पटाखा व्यवसाई मोहित का भी है. मोहित भी बताते हैं कि वैसे तो देवी-देवताओं के फोटो वाले पटाखे बेहद ही कम आते हैं लेकिन सरकार यदि फैसला थोड़ा पहले ले लेती तो व्यापारियों का जो नुकसान होना है. उससे बचा जा सकता था.
नुकसान की हो भरपाई
दूसरी तरफ कांग्रेस ने शिवराज सरकार के इस फैसले का विरोध तो नहीं किया है लेकिन यह जरूर कहा है कि सरकार यदि पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियों पर यह नियम लागू कर दे तो देवी देवताओं की तस्वीर लगे पटाखे बनना ही बंद हो जाएंगे. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तो ट्वीट कर बकायदा देवी-देवताओं की तस्वीर लगे पटाखे बैन होने पर व्यवसायियों को होने वाले नुकसान की भरपाई की मांग तक कर डाली है.
बहरहाल कोरोना के चलते इस बार वैसे भी पटाखा व्यवसाय उम्मीद से कम ही रोशन है और व्यवसायियों को दिवाली जैसे बड़े सीजन में भी मुनाफे की कोई ज्यादा उम्मीद नहीं है.