कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो लोग उन्हें ‘पागल’ कहते हैं, पहले उन्हें उनके द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देना चाहिए.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनको पागल कहने से कोई बात नही बनती है और उनको पागल कहना उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों से बचने का सबसे आसान तरीका है.
सिंह ने कहा कि हाल ही में शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने भी उनको सिर्फ इसलिये पागल कहा क्योंकि उन्होंने उनके दादा की किताब का हवाला देते हुए यह बताया था कि ठाकरे परिवार चार सौ साल पहले बिहार से ही महाराष्ट्र गया था.
उन्होंने कहा कि जो भी उनको पागल कहता है वह कुंठा से ग्रस्त है और उनकी बातों का जवाब देने से बचना चाहता है इसलिए उन्हें पागल कहकर बात खत्म करने की कोशिश करता है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उद्धव द्वारा उनको पागल कहने से उनको कोई फर्क इसलिये नहीं पड़ता क्योंकि इससे पहले भी कुछ और लोग उन्हें पागल कह चुके हैं.
सिंह ने कहा कि जब उन्होंने यह कहा था कि टीम अन्ना की राजनैतिक महात्वाकांक्षाएं हैं तो अन्ना हजारे ने उन्हें पागल कहा था पर बाद में उनकी बात सच साबित हुई.
उन्होंने कहा कि इसी तरह बाबा रामदेव के बारे में जब उन्होंने धन के हेरफेर की बात की तो बाबा ने उन्हें पागल कहकर दामन बचाने का प्रयास किया, लेकिन अंतत: वह (दिग्विजय) सही साबित हुए.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि जब उन्होंने यह कहा कि संघ के लोग आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है तब भी उन्हें भाजपा और संघ ने पागल कहा था लेकिन बाद में वह फिर सही साबित हुए. सिंह ने कहा कि मुझे पागल कहने से अच्छा यह होगा कि लोग ढंग से मेरे द्वारा उठाये गये मुद्दों का जवाब दें.