मध्य प्रदेश पुलिस ने आज योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर तथा स्वामी अग्निवेश सहित 30 कार्यकर्ताओं को रतलाम जिले में गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया. वे लोग पिछले दिनों किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने के लिए मंदसौर जा रहे थें. पुलिस ने रतलाम जिले के जाओरा शहर में धोधर टोल प्लाजा पर इन कार्यकर्ताओं को रोक दिया. उन्हें करीब आधे घंटे तक सर्किट हाउस में रखा गया.
शनिवार को ही हटा था कफ्र्यू
नगर पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि रिहा किए जाने के बाद वे लोग चले गए. इन कार्यकर्ताओं में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय तथा किसानों के संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थें. पुलिस ने उन कार्यकर्ताओं से कहा कि उनकी इस यात्रा से मंदसौर में शांति भंग हो सकती है. बता दें की शनिवार वहां से कफ्र्यू हटा लिया गया था. लेकिन धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है.
पत्र तथा मिट्टी देने जा सभी नेता
गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक दल स्वराज इंडिया के नेता यादव ने मीडियाकर्मियों से कहा ‘हमारी गिरफ्तारी कानून के खिलाफ है क्योंकि हमें कोई लिखित आदेश नहीं दिखाया गया.’ उन्होंने जोर दिया कि समूह पीड़ित किसानों के परिवारों से शांतिपूर्वक मिलना चाहते थे. वे लोग उन्हें एक पत्र तथा देश के विभिन्न हिस्सों से लायी गयी मिट्टी सौंपना चाहता थे. लेकिन हमें जाने की अनुमति नहीं दी गई.’ पुलिस के अनुसार मंदसौर जाने से रोके जाने के बाद कार्यकर्ता विरोधस्वरूप महोनीमच राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए. इससे कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया था.
कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ तथा किसानों के समर्थन में करीब एक घंटे तक नारेबाजी की.
पुलिस ने कहा कि कार्यकर्ताओं को उस समय गिरफ्तार किया गया जब उन्होंने मंदसौर में प्रवेश करने के लिए अनुमति दिए जाने पर जोर दिया. जाओरा के अनुमंडलाधिकारी (एसडीएम) आर पी वर्मा ने कहा कि पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत इन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.