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झारखंड: जब 35 साल बाद स्कूल लौटा छात्र, तब बन चुका था राजधानी का कमिश्नर!

छात्र अपने पुराने मित्रों के साथ बुधवार को रेलवे इंग्लिश मीडियम स्कूल पहुंचा. उसने स्कूल के टीचर्स वहां की जानकारी ली. वहीं हर क्लास के बच्चों से भी मिला. शिमला डिवीजन के कमिश्नर प्रियातु मंडल ने 35 साल पहले चक्रधरपुर रेलवे इंग्लिश मीडियम स्कूल से ही अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की थी.

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प्रियातु मंडल अपने दोस्तों के साथ
प्रियातु मंडल अपने दोस्तों के साथ

किसी स्कूल के लिए इससे ज्यादा गर्व की बात क्या होगी कि उसका एक स्टूडेंट 35 साल बाद जब स्कूल लौटे, तब वो सफलता का परचम लहरा चुका हो और राज्य की राजधानी का कमिश्नर हो. बुधवार को ऐसा ही नजारा था चक्रधरपुर रेलवे इंग्लिश मीडियम स्कूल में, जब शिमला के कमिश्नर 35 साल बाद स्कूल वापस लौटे और भावुक हो गए.

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला डिवीजन के कमिश्नर प्रियातु मंडल ने 35 साल पहले चक्रधरपुर रेलवे इंग्लिश मीडियम स्कूल से ही अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की थी. उन्होंने इस स्कूल में अपने बचपन के शुरुआती वर्ष गुजारे और कक्षा नर्सरी से लेकर 2 तक की पढ़ाई की. ऐसे में जब उन्होंने आज वापस स्कूल का दौरा किया, तो खुद को भावुक होने से रोक नहीं पाए. इतने साल बाद भी उन्हें अपना ये पहला स्कूल याद रहा.

प्रियातु मंडल
प्रियातु मंडल

वो अपने पुराने मित्रों के साथ बुधवार को रेलवे इंग्लिश मीडियम स्कूल पहुंचे. का दौरा किया. मंडल ने स्कूल के टीचर्स वहां की जानकारी ली. वहीं हर क्लास के बच्चों से भी मिले. साल 2006 बैच के आईएएस ऑफिसर प्रियातु मंडल 35 साल बाद अपने पुराने स्कूल और शहर को देखने लौटे थे. यहां स्कूल के अलावा उन्होंने अपने पुराने सरकारी क्वार्टर का भी दौरा किया. 

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उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे डिजिटल माध्यम से पढ़ रहे हैं. लेकिन लक्ष्य साधने की मजबूती के साथ जो विद्यार्थी आगे बढ़ेगा उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. स्कूल के दौर में ही बच्चों को बेहतर अनुशासन के साथ समन्वय बनाकर शिक्षा ग्रहण करना चाहिए इसी से सफलता मिलेगी. प्रियातु मंडल ने कहा की पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को दूसरे चीजों पर ध्यान देना चाहिए.

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