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झारखंड में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद थम नहीं रही नाराजगी, कांग्रेस के 8 विधायक आ रहे दिल्ली

जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और एक राजद) हैं. आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को दोबारा मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायकों ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले रांची सर्किट हाउस में हंगामा किया और इसका बहिष्कार करने की योजना बनाई.

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चंपई सोरेन कैबिनेट का शपथ ग्रहन शुक्रवार को हुआ (फाइल फोटो)
चंपई सोरेन कैबिनेट का शपथ ग्रहन शुक्रवार को हुआ (फाइल फोटो)

झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो सरकार में पार्टी के चार विधायकों को मंत्री बनाए जाने को लेकर कांग्रेस विधायकों के गुट में गहरी नाराजगी है. कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने धमकी दी है कि अगर इन मंत्रियों की जगह नए चेहरे नहीं लाए गए तो वे 23 फरवरी से होने वाले आगामी विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे और जयपुर जाएंगे. इस बीच अब कांग्रेस के आठ नाराज विधायक दिल्ली आ रहे हैं. यहां वे नेतृत्व से इस संबंध में बात करेंगे.

दरअसल, राज्य में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और एक राजद) हैं. आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को दोबारा मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश विधायकों ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले रांची सर्किट हाउस में हंगामा किया और इसका बहिष्कार करने की योजना बनाई. 

हालांकि, झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर और पीसीसी चीफ राजेश ठाकुर के समझाने पर विधायक समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचे. लेकिन अब एक बार फिर इन विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है. 
8 विधायक आज शनिवार की रात कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से मिलने दिल्ली आ रहे हैं. 

रांची के होटल में नाराज विधायकों की बैठक

इससे पहले रांची के होटल रासो में कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक बैठक हुई. वे चंपई कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से नए चेहरे को शामिल नहीं करने और पुराने चेहरों को दोहराए जाने से नाराज हैं. जेएमएम कोटे से मंत्री बने बसंत सोरेन ने इन कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की है.

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जेएमएम विधायक भी नाम कटने से नाराज

बता दें कि जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम जो दलित हैं और उनका नाम मंत्री पद के शपथ लेने वालों में शामिल किए जाने के बाद आखिरी में काट दिया गया. पहली बार ऐसा हुआ है कि मिनट टू मिनट राजभवन के कार्यक्रम में प्रोग्राम प्रकाशित होने साथ ही सर्कुलर जारी होने के बाद किसी का नाम यूं काटा गया हो. 

झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक बैद्यनाथ राम ने भी इसे लेकर मोर्चा खोल दिया. विधायक बैद्यनाथ ने कहा कि वह इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरी हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे. 

राज्य में किसके पास कितने विधायक?

गौरतलब है कि राज्य में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक हैं – जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और राजद का एक विधायक. बीजेपी के पास 26 और आजसू पार्टी के पास तीन विधायक हैं. दो निर्दलीय विधायकों के अलावा राकांपा और सीपीआई (एमएल) के एक-एक विधायक हैं.  एक मनोनीत सदस्य भी है.

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