झारखंड और बंगाल में फिर तकरार बढ़ते दिख रहा है. बंगाल से आने वाले आलू लदे ट्रक को धनबाद के मैथन स्थित डिबुडीह चेक पोस्ट पे पिछले तीन दिनों से रोक दिया जा रहा है. यानी झारखंड में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. लिहाजा आलू के बढ़ते दाम आम उपभोक्ता के जेब पर बोझ डाल रहा है. प्रवेश नहीं मिलने पे ट्रक आलू लेकर वापस बंगाल के गोदाम में ही चले जा रहे हैं.
सप्लाई ठप होने से झारखंड में बढ़ गया है आलू का दाम
झारखंड में पंडरा बाजार समिति के आलू प्याज विक्रेता संघ के अध्यक्ष मदन प्रसाद ने आजतक से बताया कि यहां 60से 70% तक आलू बंगाल से आपूर्ति होता है लेकिन ट्रक के नहीं आने से अब मुश्किल बढ़ते जा रही है. झारखंड की खपत हर रोज की 80 से 110 ट्रक है. एक ट्रक में लगभग 30 टन माल आता है. समिति अब यूपी से आपूर्ति करवाने की कोशिश तो कर रहा है लेकिन कीमत पे जाहिर तौर पे आवक कम होने से असर पड़ा है.
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इस बार दीपावली तक बारिश होने से बंगाल में भी आलू के पैदावार पर असर पड़ा है. लिहाजा वहां आपूर्ति में किसी तरह का खलल नहीं पड़े इसको ध्यान में रखकर संभवत: बंगाल से गाड़ी झारखंड में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा होगा. राज्य में सफेद आलू की कीमत 2100 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 2800 रुपए प्रति क्विंटल तक हो गया है. लिहाजा खुदरा में सफेद आलू 35 रुपए किलो तक जा पहुंचा है. जबकि लाल आलू 40 रुपए प्रति किलो और नया आलू 50 रुपए किलो तक बिक रहा है.
झारखंड सीएम ने लिया मामले का संज्ञान
धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो ने बंगाल सरकार के इस रवैए को तानाशाही बताया है और लोकसभा में मामले को उठाने की बात कही है. राज्य में बंगाल और कानपुर से आलू का आवक है. अब इस मामले में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी हस्तक्षेप किया है. उन्होंने इस पर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
सीएम हेमंत सोरेन ने मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव अलका तिवारी से तत्काल मामले में निष्पादन करने का निदेश दिया. मुख्य सचिव अलका तिवारी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से फोन पर मामले का निष्पादन के लिये बात की है. मनोज पंत ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही एक कमेटी बनाकर आलू के मामले का निष्पादन सुनिश्चित किया जायेगा.