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आर्थिक संकट से जूझ रहा शहीद तेलंगा खड़िया का परिवार, पत्नी के इलाज के लिए परपोते ने बंधक रखी जमीन

अंग्रेजों से लड़ने वाले वीर शहीद तेलंगा खड़िया का परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है. हालत ये हैं कि तेलंगा खड़िया के परपोते जोगिया को अपनी पत्नी के इलाज के लिए एक एकड़ जमीन बंधक रखनी पड़ी.

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जोगिया खड़िया अपने परिवार के साथ (फोटो- आजतक)
जोगिया खड़िया अपने परिवार के साथ (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जोगिया ने 75 हजार में बंधक रखी एक एकड़ जमीन
  • सरकारी योजनाओं के लिए परिवार काट रहा दफ्तरों के चक्कर

अंग्रेजों से लड़ने वाले वीर शहीद तेलंगा खड़िया का परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है. हालत ये है कि तेलंगा खड़िया के परपोते जोगिया को अपनी पत्नी के इलाज के लिए एक एकड़ जमीन बंधक रखनी पड़ी. जोगिया ने यह जमीन 75 हजार रुपये में बंधक रखी. इतना ही नहीं जोगिया खड़िया और उसकी पत्नी वृद्ध हो गए, उन्हें वृद्धावस्था पेंशन के लिए भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. 

जोगिया ने बताया कि उनकी पत्नी पुनी का पथरी का ऑपरेशन हुआ. अब वो ठीक हैं. इससे पहले वे खुद बीमार हो गए थे. उनके इलाज में 30 हजार रुपये खर्च हुए थे. यह पैसा जोगिया के बेटे विकास ने दिया था. उसने ओड़िशा राज्य के मछली कारखाने में मजदूरी कर 40 हजार रुपये कमाए थे. 

आर्थिक संकट में शहीद का परिवार
शहीद का परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है लेकिन परिवार को सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही. यहां तक कि जोगिया और उसकी पत्नी को वृद्धावस्था पेंशन के लिए भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं तब भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा.
 
पढ़ाई के लिए मजदूरी कर रहा विकास
जोगिया के बेटे विकास खड़िया की पढ़ाई के लिए भी सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल पा रही है. विकास वर्तमान में मजदूरी कर पढ़ाई करने को विवश है. विकास ने स्कूल में नामांकन कराने के लिए ओड़िशा में मजदूरी की. पैसा कमाकर घर लौटा. इसके बाद उसी पैसे से विकास ने पिता का इलाज कराया और स्कूल में अपना नामांकन भी कराया.

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आज हमें शहीद के वंशज होने पर गर्व- जोगिया
गुमला से 18 किमी दूर घाघरा गांव में शहीद के वंशज अंग्रेजों के जमाने से रहते आ रहे हैं. जोगिया ने कहा कि हमें आज भी गर्व होता है कि हम शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज हैं लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से शहीद के परिवार की उपेक्षा की जा रही है. घाघरा गांव में 16 परिवार हैं. जिसमें कुछ परिवारों को शहीद आवास मिला है लेकिन ज्यादातर घर अधूरे हैं. शौचालय भी पूरा नहीं हुआ है. गांव तक आने के लिए एक किलोमीटर कच्ची सड़क है. बरसात में दिक्कत होती है. पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. एक किलोमीटर दूर कुआं से पानी लाकर पीते हैं. जोगिया ने अपने बेटे विकास खड़िया को सरकारी नौकरी देने की मांग सरकार से की है.

प्रतिमा क्षतिग्रस्त
घाघरा गांव जाने की सड़क पर असामाजिक तत्वों ने शहीद तेलंगा खड़िया की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया है. जिसकी मरम्मत नहीं की गई है. वंशजों ने प्रशासन से प्रतिमा को ठीक करने व शिलापट्ट को भी सुंदर बनाने की मांग की है. जिस स्थान पर प्रतिमा है, उसकी घेराबंदी किए जाने की मांग भी शहीद के परिजनों ने की है जिससे प्रतिमा सुरक्षित रह सके.

 

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