झारखंड का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स एक बार फिर अपनी लापरवाही के कारण चर्चा में है. ताजा मामला रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस का है जहां शव का पोस्टमार्टम करने से पहले कोरोना जांच के लिए सैंपल स्वास्थ्यकर्मियों ने नहीं लिया बल्कि परिजनों को ऐसा करने के लिए मजबूर किया.
पोस्टमार्टम हाउस में रिम्स की तरफ से सैंपल लेने के लिए दो टेक्निशियनों को नियुक्त किया गया है. इसके बावजूद भी सैंपल लेने के लिए परिजनों को ही बाध्य किया जा रहा है.
मृतक का सैंपल ले रहे परिजनों ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी ने सैंपल लेने से साफ मना कर दिया है. इस वजह से उन लोगों को खुद मजबूर होकर सैंपल लेना पड़ रहा है.
कर्मचारी कहते हैं कि सैंपल खुद निकाल कर दो, तभी कोरोना जांच होगी. इस वजह से उन लोगों को सैंपल निकालना पड़ रहा है. उनका कहना है कि व्यवस्था नहीं रहने की वजह से उन लोगों को मजबूरन सैंपल निकालना पड़ रहा है और इसके लिए एहतियात के तौर पर कोई सुरक्षा भी नहीं दी जा रही है.
लापरवाही की होगी जांच
सैंपल निकालने के लिए पीपीई किट की आवश्यकता पड़ती है लेकिन यहां परिजन बिना किसी एहतियात और सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखें बगैर ही शव से सैंपल निकालने को बेबस हैं.
रिम्स के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ संजय कुमार का कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस में टेक्निशियन उपेंद्र कुमार और सरफराज की ड्यूटी लगाई गई है. इन दोनों का ही काम है कि मृत व्यक्ति का सैंपल निकालकर कोरोना जांच कराएं. अगर इसके बावजूद भी लापरवाई हुई है तो पूरे मामले कि गंभीरता से जांच की जाएगी, ताकि ऐसी लापरवाही आगे से ना बरती जा सके.