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रांची: RIMS में कोरोना टीका देने में मनमानी! बिना रजिस्ट्रेशन ही दी गई डोज़?

रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) का नाम टीकाकरण को लेकर सवालों के घेरे में है. आरोप है ये वैक्सीन कुछ ऐसे डॉक्टरों को भी दी गई जिन्होंने अपना नाम Co-Win पोर्टल पर रजिस्टर ही नहीं कराया था.

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रांची रिम्स (सांकेतिक तस्वीर)
रांची रिम्स (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिना रजिस्ट्रेशन वैक्सीन देने का आरोप
  • स्वास्थ्य सचिव ने RIMS डायरेक्टर को लिखी चिट्ठी

देश भर में कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है. वहीं, रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) का नाम टीकाकरण को लेकर सवालों के घेरे में है. आरोप है यहां वैक्सीन कुछ ऐसे डॉक्टरों को भी दी गई, जिन्होंने अपना नाम Co-Win पोर्टल पर रजिस्टर ही नहीं कराया था. जबकि डोज लेने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है.  

RIMS में सोमवार से वैक्सीन सेंटर ने काम करना शुरू किया. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर झारखंड में वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाने की मांग की है. अभी तक राज्य में 48 सेंटर काम कर रहे हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने इन्हें बढ़ाकर 129 करने का आग्रह किया है. मंत्री के आग्रह के बाद सरकार ने दावा किया कि RIMS में एक सेंटर जोड़ा गया.  

RIMS का नाम पहले तब विवाद में आया था जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को ‘1, केली बंगला’ में शिफ्ट किया गया था. अब ये आरोप सामने आ रहा है कि RIMS कोरोना के खिलाफ मेगा टीकाकरण अभियान में SOPs (स्पेशल ऑपरेशन प्रोसीजर) का कथित तौर पर उल्लंघन किया गया.  

क्या है वैक्सीनेशन की प्रक्रिया? 

जो वैक्सीन की डोज लेने का इच्छुक होता है उन्हें पहले Co-Win पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना होता है. फिर इसे स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जाता है. वहां से रैंडम तरीके से 100 लाभार्थियों का चुनाव किया जाता है, फिर लाभार्थी को इसकी सूचना दी जाती है. मैसेज मिलने के बाद लाभार्थी सेंटर पर जाकर इसे दिखाता है. फिर उसे सारे नियमों का पालन करते हुए डोज दी जाती है.  

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ऐसे आरोप हैं कि RIMS में कई मेडिकोज को बिना प्रोटोकॉल का पालन किए डोज दी गई. RIMS के निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद, सुपरिटेंडेंट डॉ. विवेक कश्यप और अन्य को सोमवार को डोज दी गई. क्या इन सभी ने खुद को रजिस्टर किया था या नहीं, ऐसे सवाल उठ रहे हैं.  

झारखंड के स्वास्थ्य सचिव का सख्त रुख  

झारखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया है. उन्होंने RIMS के डायरेक्टर को पत्र लिखकर ऐसे मेडिकोज के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा है जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया. कुलकर्णी ने इसे गंभीर चूक और एसओपी का उल्लंघन बताया. कुलकर्णी ने डायरेक्टर को ये भी लिखा है कि वो एक्शन लेने के बाद उन्हें इस बारे में सूचित करें.  

 

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