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आखिर क्यों झारखंड विधानसभा में तलब किए गए मुख्य सचिव और डीजीपी, ये है मामला

झारखंड विधानसभा में विधायकों ने अफसरों की ओर से बदसलूकी किए जाने का मामला उठाया गया. इस पर मुख्य्मंत्री हेमंत सोरेन काफी नाराज हुए. उन्होंने मुख्य सचिव और DGP को बुलाकर अपनी नाराजगी जताई.

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झारखंड विधानसभा
झारखंड विधानसभा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • झारखंड विधानसभा में विधायकों ने उठाया मुद्दा
  • CM हेमंत सोरेन ने अफसरों को बुलाकर नाराजगी जाहिर की

झारखंड में विधायकों और अधिकारियों के टकराव के मसले बढ़ते जा रहे हैं. मंत्री अपने विभाग के सचिव से नाखुश रहते हैं तो विधायकों के फोन अफसर न उठाते हैं. इस बार भी विधायकों के फ़ोन नही उठाने समेत कई मामले सदन के अंदर उठे. पार्टी लाइन से इतर कई दलों के विधायकों ने अधिकारियों की शिकायत स्पीकर से की.

बेरमो से कांग्रेस विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि 21 मार्च को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और मंत्री समेत सभी विधायकों को राजभवन में रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था, सम्मान के लिए सभी विधायक आभारी हैं, लेकिन वहां तैनात पदाधिकारियों ने कई विधायकों को अपमानित किया. कई विधायकों को बैठने की जगह नहीं मिली. 

कांग्रेस विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि उन्हें आम लोगों के बीच बिठा दिया गया, यही नहीं कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रवाना हो गए, तब विधायकों की कतारबद्ध गाड़ियों को ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश गिरी ने  इसलिए रोक दिया क्योंकि उस वक्त एडीजी मीणा की गाड़ी आ रही थी.

अनूप सिंह ने कहा कि यह ना सिर्फ प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, बल्कि विधायकों का अपमान भी है. इसके पक्ष में कई विधायकों ने अपनी अपनी बात रखी. भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि इस पर निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि पदाधिकारीगण अब फोन को भी रिसीव नही करते.

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स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि यह बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि वह राज्य के आला अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराएंगे और हिदायत देंगे कि पदाधिकारीगण आचरण में सुधार लाएं. इसपर अंबा प्रसाद ने कहा कि पिछले दिनों उनके साथ देवघर में एसडीओ ने दुर्व्यवहार किया था. फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

जब बात एडीजी मीणा की हुई तो भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि वह एक घटिया अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि एक समय उन्होंने एक सिपाही के ट्रांसफर को लेकर उनसे पैरवी की थी, ताकि वह अपने बेटे का इलाज करवा सके, लेकिन एडीजी मीणा ने उस सिपाही को मदद करने के बजाय धमकाया था. 

सीपी सिंह ने कहा कि रांची के डीसी को सभी जानते हैं. जब वह कोडरमा में थे तब अपने आवास के पेड़ अपने इस्तेमाल के लिए नियम की धज्जियां उड़ाते हुए कटवाया था. सदन में इन मुद्दों के उठने पर मुख्य्मंत्री हेमंत सोरेन काफी नाराज हुए. उन्होंने विधानसभा में ही सदन के बाद अपने कक्ष में मुख्य सचिव और DGP को बुलाकर अपनी नाराजगी जताई.

 

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