आकांक्षा कुमारी सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड) की प्रथम महिला माइनिंग इंजिनियर बनी हैं. रांची के खलारी के एनके एरिया में पदस्थापित माइनिंग इंजीनियर आकांक्षा कुमारी एनके क्षेत्र के चुरी भूमिगत खदान से सेवा काल प्रारंभ कर भूमिगत खदान में पदस्थापित होने वाली कोल इंडिया की पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनी हैं. नारी शक्ति है, सशक्त है, संकल्पित है, इन शब्दों को सार्थक बनाया है.
बड़कागांव, हजारीबाग की रहने वाली आकांक्षा कुमारी, नवोदय विद्यालय की छात्रा आकांक्षा ने वर्ष 2018 में बीआईटी सिंदरी से इंजीनियरिंग पूरी की. खदान क्षेत्र में बचपन से रही आकांक्षा को खनन के प्रति एक प्राकृतिक झुकाव व रुचि थी. इंजीनियरिंग के पश्चात उन्होंने तीन वर्षों तक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की राजस्थान स्थित बलारिया खदान में सेवा दिया.
आकांक्षा, सीसीएल का हिस्सा बनने से पहले राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की बलरिया खान में तीन साल तक काम कर चुकी हैं. BIT सिंदरी से ग्रेजुएशन करने वाली आकांक्षा झारखंड के ही हज़ारीबाग ज़िले से ताल्लुक रखती हैं. सीसीएल के इतिहास में वह पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनी हैं, जो अंडरग्राउंड माइन्स में काम करेंगी. सीसीएल रांची ने महिला शक्ति को हैशटैग करते हुए अपने ट्विटर से मंगलवार को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में बताया.