
झारखंड के बरही (हजारीबाग) के पूर्व विधायक रहे रामलखन सिंह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुहार लगाते हुए पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लगभग 2 महीने से पेंशन और पैक्स में बेचे गए धान की बकाया राशि भी न मिलने की शिकायत की है. दरअसल पूर्व विधायक की पत्नी कोरोना पॉज़िटिव हैं और 12 मई से रांची के राम प्यारी अस्पताल में इलाज करवा रही हैं. पूर्व विधायक रामलखन सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर ये बकाया पैसे उन्हें मिल जाएं तो उनके इलाज में सहूलियत हो जाएगी.
सिंह ने पत्र में यह भी लिखा है कि उन्होंने चौपारण के बेला पैक्स को 4 किस्तों में 129 क्विंटल से अधिक धान बेचा है जिसका मूल्य ₹2,51,000 से अधिक है. इसके एवज में अब तक उन्हें मात्र ₹11,200 रुपये ही मिले हैं.
पत्र में पूर्व विधायक ने लिखा है कि इस साल के मार्च और अप्रैल के पेंशन की राशि उनके खाते में नहीं आई है और वो जब भी पेंशन निकासी के लिए बैंक ऑफ इंडिया जाते हैं तो उन्हें बोला जाता है कि आपके खाते में पेंशन की राशि नहीं आई है.
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इसके संदर्भ में उन्होंने विधानसभा सचिव और उपसचिव को भी पत्र लिखा है मगर इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और उनके हित के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. जिससे हताश होकर वो ये पत्र लिखने के लिए मजबूर हो गये.

हालांकि, उन्होंने इस मामले को लेकर किसी से भी बात करने से मना कर दिया. सूत्रों से पता चला है कि ये मनाही उन्होंने अपने पुत्र, योगेन्द्र प्रताप सिंह के दबाव में की है. आपको बता दें कि योगेन्द्र प्रताप पहले जेवीएम में थे फिर उसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी.
हजारीबाग से सुमन सिंह के साथ सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट..