झारखंड के चतरा जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन (TSPC) के दो गुटों के बीच हुई आपसी झड़प में दो नक्सलियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. यह घटना रविवार रात कुंदा थाना क्षेत्र के गेंदा गांव में हुई, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि TSPC के दो धड़ों के बीच किसी आंतरिक विवाद को लेकर अचानक संघर्ष शुरू हो गया. देखते ही देखते यह विवाद हिंसक रूप ले बैठा और दोनों ओर से गोलियां चलने लगीं.
चतरा में नक्सली गुटों के बीच खूनी संघर्ष
इस गोलीबारी में देवेंद्र गंझू (40) और चूड़ामन गंझू (35) की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि देवेंद्र गंझू पर करीब 30 आपराधिक मामले दर्ज थे और वह लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था.
इस घटना में श्याम भोक्ता (30) और उसका साला ब्रह्मदेव भोक्ता उर्फ गोपाल (25) गोली लगने से घायल हो गए. श्याम भोक्ता एक एनआईए मामले में भी आरोपी बताया जा रहा है. दोनों घायलों को बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) भेजा गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
चतरा के एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह घटना नक्सलियों के आपसी वर्चस्व और आंतरिक मतभेदों का नतीजा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को घटना की सूचना मिलते ही इलाके की घेराबंदी कर दी गई और सर्च ऑपरेशन चलाया गया, ताकि किसी अन्य नक्सली की गतिविधि पर नजर रखी जा सके.
आंतरिक कलह के बाद गोलीबारी
घटना के बाद गेंदा गांव और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है. स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है और घटना में इस्तेमाल किए गए हथियारों की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि इस आंतरिक संघर्ष से नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है और आने वाले दिनों में इसका असर संगठन की गतिविधियों पर दिख सकता है. पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि विवाद की असल वजह क्या थी और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल थे.