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रांची: लालू यादव के कथित ऑडियो क्लिप पर सियासत तेज, BJP ने की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग

चर्चा ये भी है कि कुछ पुलिसकर्मियों पर गाज़ गिराकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है. जेल प्रशासन और जिला प्रशासन एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं. साफ है कि लालू को बचाने और मामले को दबाने की कवायद चल रही है. ऐसे में बीजेपी को लगता है कि अब निष्पक्ष एजेंसी ही दूध का दूध और पानी का पानी कर सकती है.  

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राजद नेता लालू यादव.(फाइल फोटो-PTI)
राजद नेता लालू यादव.(फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी प्रवक्ता ने झारखंड सरकार पर भी उठाए सवाल
  • राजद के बचाव में उतरी कांग्रेस

राजद नेता लालू प्रसाद यादव के कथित ऑडियो क्लिप को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है. बीजेपी ने राजद प्रमुख के वायरल ऑडियो मामले में निष्पक्ष एजेंसी से जांच की मांग की है .पार्टी का आरोप है कि सरकार और जिला प्रशासन सिर्फ लीपा पोती में लगी हुई है.

बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया है कि 1 केली बंगले से जो ऑडियो क्लिप वायरल हुआ उसके शुरू में ही जिस शख्स की आवाज थी वो और कोई नहीं बल्कि लालू के सेवादार इरफान अंसारी है. उनका कहा है कि, ''फोन नंबर भी उसका ही वायरल हुआ .प्रशासन आखिर उस नंबर की CDR क्यों नहीं निकालती. उस शख्स का ऑडियो भी FSL के लिए भेजने की बात क्यों नहीं की जा रही है और उससे पूछताछ क्यों नहीं हो रही है. ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद से इरफान गायब है. उसे आखिर क्यों ढील दी जा रही है.''

चर्चा ये भी है कि कुछ पुलिसकर्मियों पर गाज़ गिराकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है. जेल प्रशासन और जिला प्रशासन एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं. साफ है कि लालू को बचाने और मामले को दबाने की कवायद चल रही है. ऐसे में बीजेपी को लगता है कि अब निष्पक्ष एजेंसी ही दूध का दूध और पानी का पानी कर सकती है.  

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बीजेपी ने जेल अधिकारियों के बयान पर भी संदेह जताया है. पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि पुलिसकर्मियों को बलि का बकरा बनाकर लालू यादव को बचाने की कोशिश की जा रही है. जबकि सच्चाई है कि इसमें राज्य के बड़े अधिकारी और सरकार खुद लालू को हर सहूलियत देने की जिम्मेवार है. दरअसल, जेल के एडिशनल आईजी प्रवीण कुमार ने कहा था कि जेल परिसर में लालू नहीं थे, इसलिए उन पर मैन्युअल लागू नहीं होता है. जुडिशल कस्टडी में जिम्मेदारी सीधे एस्कॉर्ट पार्टी की होती है.

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वहीं, इस मामले पर कांग्रेस आरजेडी के बचाव में नजर आ रही है. कांग्रेस इसे लालू को फंसाने की साज़िश मानती है. पार्टी के नेता और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी का मानना है कि ये बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी की चाल है. वे उन्हें तब से जानते है जब वे सुशील मोदी के साथ विधानसभा में एक साथ थे. उनका सवाल है कि सिर्फ एक या दो विधायक को फोन करके स्पीकर के चुनाव को कैसे जीता जा सकता है. कांग्रेस का कहना है कि जांच अच्छे से की जानी चाहिए, जिससे कि बीजेपी के भी षड्यंत्र का पर्दाफाश हो सके.

 

 

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