झारखंड की राजधानी रांची में लगातार हो रही बारिश अब जानलेवा साबित हो रही है. शनिवार देर रात रांची के सोनाहातु प्रखंड के तेलवाडीह गांव में भारी बारिश के कारण एक कच्चा मकान भरभराकर गिर गया. इसमें दबकर 12 वर्षीय शिवा प्रमाणिक की मौत हो गई. हादसे में मृतक के परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हादसा रात करीब 1 बजे हुआ, जब पूरा परिवार गहरी नींद में सोया था.
जानाकारी के मुताबिक, मृतक शिवा के पिता का नाम सुभाष प्रमाणिक था. शिवा पास के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई करता था. घटना के समय भारी बारिश हो रही थी. शिवा की मां ने बताया कि जब हादसा हुआ, तब वे सब सो रहे थे. मकान गिरते ही पूरा परिवार मलबे में दब गया. उनकी चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे सभी लोगों को बाहर निकाला.
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स्थानीय ग्रामीण धीरज प्रमाणिक ने बताया कि सभी ने मिलकर परिवार के सदस्यों को बाहर निकाला. हालांकि शिवा की हालत बेहद गंभीर थी. उसे तत्काल सिंहपुर अस्पताल ले जाया गया. मगर, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस हादसे के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है. बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार को अब तक 'अबूआ आवास योजना' का लाभ नहीं मिला था, जिस कारण वे पक्के मकान के बजाय कच्चे घर में रह रहे थे. परिवार ने कई बार आवास योजना के लिए आवेदन दिया था, लेकिन हर बार यही जवाब मिला कि ‘प्रोसेस में है’. यही अनदेखी अब एक मासूम की जान ले चुकी है.
सोनाहातु के प्रखंड विकास पदाधिकारी खगेश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित परिवार को जल्द मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. साथ ही, बेघर हो चुके परिवार को फिलहाल पास के पंचायत भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अबूआ आवास का लाभ जरूर मिलेगा, लेकिन लाभार्थियों की सूची लंबी है और पीड़ित परिवार का नाम काफी पीछे है.
इस बीच, झारखंड में पिछले दो दिनों में लगभग 14 मिमी बारिश दर्ज की गई है. बारिश और वज्रपात के कारण अब तक एक बच्ची समेत कुल 5 लोगों की मौत हो चुकी है. IMD झारखंड केंद्र के निदेशक अभिषेक आनंद ने जानकारी दी है कि आगामी दो दिनों तक झारखंड में बारिश से राहत नहीं मिलेगी. रांची समेत कई जिलों के लिए येलो अलर्ट, जबकि पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और खूंटी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. लोगों को सलाह दी गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और वज्रपात के समय पेड़ों के नीचे ना जाएं.