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पुलवामा हमले में बचे जवानों ने सुनाई आपबीती, बोले- गुस्सा है और जोश भी

शनिवार को आजतक की टीम श्रीनगर के उस सीआरपीएफ कैंप में गईं, जहां के लिए गुरुवार को जवान जम्मू से चले थे. जवानों ने इस घटना की आपबीती बताई और कहा कि ना भूलेंगे, ना माफ करेंगे, ना ही छोडेंगे.

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श्रीनगर कैंप में सीआरपीएफ के जवान
श्रीनगर कैंप में सीआरपीएफ के जवान

देश पुलवामा के शहीदों को नमन कर रहा है. नम आंखों से वीर सपूतों को आखिरी विदाई दी जा रही है. सीआरपीएफ जवानों का कहना है कि ना भूलेंगे, ना माफ करेंगे, ना ही छोड़ेंगे. शहीदों को याद करने, गुरुवार को हुए हमले की आपबीती जानने आजतक की टीम श्रीनगर के उस सीआरपीएफ कैंप में गईं, जहां के लिए गुरुवार को जवान जम्मू से चले थे. ये हमला कैसे हुआ, हमारे जवान क्या कर रहे थे जब उनका काफिला जम्मू से पुलवामा जा रहा था. सुनिए उन जवानों की ही जुबानी, जो इस हमले में बाल-बाल बचे.

मानेंगे न हार, जीतेंगे हम...मुश्किल वक्त, कमांडर सख्त...Hows the josh, High Sir...भारत माता की जय.. श्रीनगर के सीआरपीएफ कैंप में हर तरफ यही जयघोष गूंज रहा है. पुलवामा हमले के गम से सीआरपीएफ जवानों को जोश बढ़ा है. आजतक से बात करते हुए सीआरपीएफ के जवान ने कहा कि हमें अपने फोर्स के ऊपर गर्व है. हमारे जिन वीर जवानों ने शहादत दी है, इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ हम खड़े हैं.

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जवान ने बताया कि हमारे काफिले पर जो कायराना हमला हुआ है, उससे हम विचलित नहीं हुए है. हमारा काफिला शनिवार को भी गया है. हम इससे कभी नहीं डरे हैं. इसको हम संयम से निपट रहे हैं. हमारे में अभी भी जोश है. एक महिला जवान ने बताया कि काफिला पर अटैक हुआ तो क्या हम काम करना छोड़ देंगे. हम अपना काम करते हैं. दुख है, लेकिन उस दुख के साथ हम अपनी ड्यूटी नहीं भूल सकते हैं.

इससे पहले एक जवान ने आजतक से खास बातचीत में हमले की आपबीती सुनाई थी. उसने कहा कि हम लोग जम्मू से सुबह निकले, जैसे ही हमारा काफिला करीब 2 बजे घटनास्थल के पास पहुंचा, तभी दुकानें बंद होने लगी और कुछ लोग पथराव करने लगे. इसके 10 मिनट बाद ही एक जोरदार धमाका हुआ. हम कुछ समझ ही पाते कि हमने अपने शहीद जवानों के शवों को देखा. कुछ जवान घायल थे, उन्हें तत्काल एंबुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाया गया.

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