जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर केंद्र सरकार ने नए नियमों को मंजूरी दे दी है. गैर कृषि जमीन की लेने-देन पर सूबे के बाहर के लोगों के लिए अब मनाही नहीं है. राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सरकार की तरफ से कृषि जमीन के संरक्षण के लिए कुछ नियम हैं. कृषि जमीन किसी को नहीं दी जाएगी. अगर कोई इंडस्ट्री लगाना चाहता है तो उसके लिए इंडस्ट्रियल पार्क में जमीन मुहैया कराई जाएगी.
हालांकि जानकारों का मनाना है कि सूबे में सभी जमीनों की खरीद को लेकर सरकार ने सारे दरवाजे खोल दिए हैं. कानूनों में संशोधन में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति "सरकार, या उसकी एजेंसियों और उपकरणों" के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को भूमि ट्रांसफर नहीं करेगा. नियमों के मुताबिक कृषि भूमि को सरकार की स्वीकृति के साथ ट्रांसफर किया जा सकता है.
नियमों के अनुसार,किसी भी भूमि की बिक्री, या उसे गिफ्ट के तौर पर प्रस्तुत करना किसी ऐसे व्यक्ति के पक्ष में मान्य नहीं होगी, जो किसान नहीं है. ऐसा करने के लिए सरकार या उसके द्वारा अधिकृत किसी अधिकारी की अनुमित अनिवार्य होगी.
जानकार कहते हैं कि तकनीकी रूप से इसका अर्थ है कि एक बार अनुमति मिलने के बाद कृषि भूमि को सरकार की तरफ से जारी शर्तों के साथ बेचा, उपहार या गिरवी रखा जा सकता है. नियमों के मुताबिक कृषि भूमि का उपयोग सामान्य परिस्थितियों में गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है, लेकिन सरकार से अनुमति लेने के बाद यह भी किया जा सकता है.
सैन्य सुरक्षा के लिए भी ली जा सकती हैं जमीनें
नए नियमों में यह भी कहा गया है कि सरकार कोर कमांडर पद के ऊपर के अधिकारी के लिखित अनुरोध पर किसी भी क्षेत्र को रणनीतिक क्षेत्र घोषित कर सकती है. इस जमीन का उपयोग सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है.