जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के एक्शन बाद पाकिस्तान में बौखलाहट है. सुरक्षाबल आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है. इस बीच जम्म-कश्मीर पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. आजतक को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आतंकवादी अब केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बलों के जवानों, खास तौर से पुलिस अधिकारियों और स्थानीय सेना/पैरामिलिट्री कर्मियों को निशाना की योजना बना रहे हैं, जो छुट्टियों पर हैं.
सूत्रों के अनुसार, पुलिस कर्मियों और अन्य सुरक्षा बल के कंपियनों को छुट्टियों के दौरान अपने घर जाने से बचने की सलाह दी गई. ऐसे पहली भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें छुट्टी पर गए सुरक्षाकर्मियों पर आतंकियों ने हमला किया हो. पुलिसवालों को मौखिक रूप से ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा गया है, खासतौर पर उन्हें जो छुट्टी पर चल रहे हैं.
पहलगाम मामले को लेकर क्या है ताजा अपडेट?
आतंकी हमले के बाद कश्मीर से दिल्ली तक कार्रवाई जारी है, आज तीन समेत कुल नौ आतंकियों के घर जमींदोज कर दिए गए। दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस चौहान से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया है कि 'पहलगाम के साजिशकर्ताओं को कठोर जवाब मिलेगा'.
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हमले के पीछे TRF, ISI और पाक सेना की एक गहरी साजिश का खुलासा हुआ है. इसमें ISI चीफ आरसीम मलिक, पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर, ब्रिगेडियर खालिद शहजाद, हाफिज सईद और TRF कमांडर सैफुल्लाह कश्मीरी जैसे नाम शामिल हैं. आतंकियों को स्पष्ट निर्देश था, "उनसे उनका धर्म, उनका मजहब पूछोगे... जो हिंदू निकले उनको मार देना," जिसका मकसद कश्मीर समेत पूरे भारत में सांप्रदायिक नफरत फैलाना और कश्मीरियों को भारत से दूर करना था.
भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने जैसे कदम उठाए हैं और दुनिया के कई शक्तिशाली राष्ट्रों, जिनमें अमेरिका, फ्रांस, इजराइल, रूस और यूएई शामिल हैं, ने भारत के साथ खड़े होने का ऐलान किया है. घबराया पाकिस्तान अब चीन से मदद मांग रहा है, जबकि भारत ने पाकिस्तान की आतंकी ज़मीन को ख़त्म करने की तैयारी शुरू कर दी है.
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लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने पाकिस्तानी नागरिकों ने प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि पहलगाम आतंकी हमले का इलज़ाम उन पर नहीं डाला जाना चाहिए. जवाब में, बड़ी संख्या में भारतीय भी तिरंगा और पोस्टर लेकर वहां पहुंचे और पाकिस्तान की आतंकी करतूतों के विरोध में नारे लगाए. स्थिति को नियंत्रित करने और किसी भी टकराव को रोकने के लिए लंदन पुलिस बड़ी संख्या में घटनास्थल पर मौजूद रही और दोनों पक्षों को अलग रखा. भारतीय प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि एक स्थायी समाधान होना चाहिए.