जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में एक प्राइवेट स्कूल बस पर पथराव की घटना में दो छात्र घायल हो गया. पुलिस के मुताबिक असामाजिक तत्वों के एक समूह ने शोपियां जिले के जावूरा में रैनबो हाई स्कूल की बस पर पथराव कर दिया था. हमले में दूसरी कक्षा के एक छात्र के सिर में चोट लग गई, जबकि एक अन्य छात्र भी घायल हो गया. पत्थरबाजों की इस हरकत पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी निंदा की है.
उमर ने ट्वीट किया, 'स्कूली बच्चों या पर्यटकों की बसों पर पथराव से कैसे इन पत्थरबाजों के एजेंडे को बढ़ाने में मदद मिलती है? इन हमलों की एकजुट होकर निंदा करनी चाहिए और मेरा यह ट्वीट इसका हिस्सा है.'
#Shame https://t.co/skk2YT9qjv
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 2, 2018
दरअसल पत्थरबाजों की इस हरकत से उमर अब्दुल्ला बेहद नाराज है. उनका कहना है कि पत्थरबाजों को कार्रवाई से राहत दी गई थी कि वो सुधर जाएंगे, लेकिन इनमें से कुछ लोग (गुंडे) इसका अब गलत फायदा उठा रहे हैं. हाल के दिनों में पत्थरबाजी के जो मामले आए हैं वो बेहद निंदनीय है.
The amnesty granted to stone-pelters was meant to encourage more reasonable behaviour but some of these goons are determined to use the opportunity given to them to just pelt more stones. Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 2, 2018
घटना के बाद जख्मी छात्रों को समीप के एसकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिस छात्र को ज्यादा चोट लगी है उसका नाम रेहान गोरसाई बताया जा रहा है और वह कक्षा दो का छात्र है. छात्र के पिता का कहना है कि इस मासूम ने किसका क्या बिगाड़ा था.
बता दें, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और पत्थरबाजों के बीच अक्सर झड़प की खबरें आती रहती हैं. मगर बुधवार को पत्थरबाजों की इन करतूतों का शिकार स्कूल बच्चों को बनना पड़ा. जिसकी निंदा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी की. उन्होंने ट्वीट किया, 'शोपियां में स्कूली बस पर हमले की घटना के बारे में जानकर हैरान हो रही है. गुस्सा भी आ रहा है. इस तरह का कुकृत्य करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.'
Shocked & angered to hear of the attack on a school bus in Shopian. The perpetrators of this senseless & cowardly act will be brought to justice.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 2, 2018
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 4500 से ज्यादा युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज थे. जो पहली बार पत्थरबाजी की घटना में शामिल थे. जिसके बाद इसी साल जनवरी में महबूब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर पहली बार पत्थरबाजी की घटना में शामिल रहे 3685 युवाओं पर दर्ज मामलों को खत्म करने का फैसला लिया था. एक तरह से युवाओं को एक और मौका दिया गया था.