जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा मुफ्ती सरकार गिर गई. बीजेपी और पीडीपी के अचानक तलाक ने राजनीतिक दलों को उनपर निशाना साधने का मौका दे दिया. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी राज्य में खरीद-फरोख्त कर कुछ नया खेल कर सकती है. इस पर बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने भी उमर अब्दुल्ला को जवाब दिया.
दरअसल, बीजेपी नेता और महबूबा सरकार में डिप्टी सीएम रहे कविंदर गुप्ता ने बयान दिया था कि मुझे नहीं लगता कि राज्य में अभी नई सरकार बनेगी, कई तरह की दुविधाएं हैं. लेकिन हम अभी किसी चीज पर काम कर रहे हैं, इसके बारे में जल्द ही जनता को पता लगेगा.
कविंदर गुप्ता के इसी बयान पर उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा को तुरंत भंग कर देना चाहिए और नए तरीके से चुनाव होने चाहिए. कविंदर गुप्ता का ये बयान दर्शाता है कि उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है.
उमर अब्दुल्ला के इस आरोप का राम माधव ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला को क्यों इतना डर लग रहा है. मुझे उम्मीद है कि उनके नेता उनके प्रति वफादार होंगे. हमारी तरफ से हॉर्स ट्रेडिंग का कोई मतलब नहीं है. हमने उमर अब्दुल्ला की पार्टी की अगुवाई में इससे पहले भी हॉर्स ट्रेडिंग होती हुई देखी है, किसी को भी इतिहास नहीं भूलना चाहिए.The J&K state assembly should be dissolved immediately & fresh elections should take place as soon as appropriate. The former DCM has admitted that BJP can’t be trusted not to horsetrade for Govt formation. https://t.co/dbX4bK8goc
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 20, 2018
इस पर भी उमर अब्दुल्ला ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मुझे अपने विधायकों पर भरोसा है लेकिन सभी जानते हैं कि किस तरह मुफ्ती साहब के निधन के बाद किस तरह टीडीपी पर जोर दिया गया था और महबूबा मुफ्ती को सरकार बनाने पर मजबूर किया गया था.
I have no doubt about my MLAs but we all know what happened in the PDP after Mufti Sb died & the sort of pressure that was applied to Mehbooba Mufti. https://t.co/HOg57SNoVE
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 21, 2018
आपको बता दें कि 2014 के आखिर में राज्य में चुनाव हुए थे और पीडीपी के 28 विधायक और बीजेपी के 25 विधायक जीतकर आए थे. दोनों पार्टी ने साथ मिलकर सरकार बनाई थी और महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनी थीं.
कुल सीट (जम्मू-कश्मीर विधानसभा) - 87
सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत- 44
पीडीपी- 28
बीजेपी- 25
नेशनल कांफ्रेंस- 15
कांग्रेस- 12
अन्य- 9