श्रद्धा, भक्ति और आस्था से परिपूर्ण 38 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो गई है. आज यानी गुरुवार सुबह आरती के साथ यात्रा औपचारिक रूप से शुरू हो गई. अमरनाथ गुफा मंदिर में बाबा बर्फानी की आरती के दौरान देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और भगवान शिव का आशीर्वाद लिया.
बालटाल और पहलगाम बेस कैंपों से पहला जत्था आज सुबह तड़के गुफा की ओर रवाना हुआ. भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालुओं के जयघोष- 'हर हर महादेव' और 'बम बम भोले' से पहाड़ियां गूंज उठीं. जम्मू बेस कैंप से भी तीर्थयात्रियों का एक और दल सुरक्षा व्यवस्था के बीच पवित्र यात्रा के लिए रवाना हुआ. गुफा परिसर का आध्यात्मिक वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर रहा. आरती में शामिल होकर श्रद्धालु इस पवित्र तीर्थ यात्रा के औपचारिक शुरुआत का हिस्सा बने.
श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह...
बालटाल से यात्रा पर निकलीं उत्तराखंड की मनीषा रामोला ने कहा, मैं बहुत खुश हूं… व्यवस्था बहुत अच्छी है. बिना दस्तावेज और वैध पहचान पत्र के किसी को अनुमति नहीं है. यह हमारी सुरक्षा के लिए है. मैं देश की सलामती और सुख-शांति की प्रार्थना करती हूं.
पहलगाम से निकले पहले जत्थे की कविता सैनी ने कहा, यह मेरी पहली अमरनाथ यात्रा है. अनुभव बहुत अच्छा है. सभी ने हमारी सहायता की. दिल्ली पुलिस, कश्मीर पुलिस सभी बहुत सहयोगी रहे. मैं प्रार्थना करती हूं कि हमारे देश में शांति बनी रहे और जो हाल ही में घटनाएं हुईं, वो दोबारा ना हों.
वहीं, पश्चिम बंगाल से आए एक श्रद्धालु ने कहा, हम बिल्कुल भी डरे हुए नहीं हैं. सरकार और सेना की व्यवस्था बहुत अच्छी है. हमें कोई डर नहीं है.
पंजाब के संगरूर से आए श्रद्धालु ने बताया कि यह उनकी 14वीं अमरनाथ यात्रा है. उन्होंने कहा, कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है. सरकार ने बेहतरीन इंतजाम किए हैं.
'यह सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं, पूरे देश की भावना'
कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूरी ने कहा, यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि पूरे देश की सहभागिता का प्रतीक है. सुरक्षा बल, पिट्ठू, टेंट संचालक हर कोई इसमें शामिल है. श्रद्धालुओं का जोश अभूतपूर्व है. मैं कामना करता हूं कि सबकी मनोकामनाएं पूरी हों और देश और कश्मीर में शांति बनी रहे.
हर तरफ भक्ति का माहौल, कड़ी सुरक्षा में यात्रा सुचारू
जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षाबलों की सतर्क निगरानी में अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्वक जारी है. हर यात्री के लिए मेडिकल प्रमाणपत्र, पंजीकरण और पहचान पत्र अनिवार्य किए गए हैं, ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो. भक्ति, सुरक्षा और संगठन का यह संगम इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा को विशेष बना रहा है. बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालु हिमालय की कठिन राहों को भी उत्साह और समर्पण के साथ पार कर रहे हैं.
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त, 2025 तक चलेगी. हर साल, देश के कोने-कोने से हजारों तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा में दर्शन करते हैं. यह गुफा समुद्र तल से 12,700 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें प्राकृतिक रूप से बना बर्फ का शिवलिंग है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है.
गुरुवार को श्रद्धालुओं के पहले जत्थे बालटाल और नुनवान के दो बेस कैंपों से रवाना हुए. अधिकारियों ने बताया कि यात्रा आज तड़के सुबह दो पारंपरिक मार्गों- 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम रूट और 14 किलोमीटर लंबे बालटाल रूट से शुरू हुई.
श्रद्धालुओं के जत्थों में पुरुष, महिलाएं और साधु-संत शामिल हैं. ये लोग सुबह की पहली रोशनी के साथ पहलगाम के नुनवान बेस कैंप (जिला अनंतनाग) और गांदरबल जिले के सोनमर्ग क्षेत्र स्थित बालटाल बेस कैंप से रवाना हुए. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों कैंप से यात्रा को हरी झंडी दिखाई.
बुधवार को पहले जत्थे में 5,892 श्रद्धालुओं को जम्मू के भगवती नगर यात्रा बेस कैंप से लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने रवाना किया था. ये यात्री दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे, जहां स्थानीय प्रशासन और आम लोगों ने उनका स्वागत किया.
उसके बाद ये श्रद्धालु गुफा मंदिर पहुंचे और प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग के दर्शन किए और पूजन-अर्चना की.
यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. यात्रा को सुरक्षित और सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों जवान तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही हवाई निगरानी की भी व्यवस्था की गई है.