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J-K: अलर्ट पर सेना और वायुसेना, पाकिस्तान की हर गतिविधि पर पैनी नजर

जम्मू और कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला आ गया है. राज्य में किसी भी तरह की संभावित घटनाक्रम पर काबू रखने के लिए सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों की जम्मू और कश्मीर पर अब नजर है.

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जम्मू-कश्मीर में सेना और वायुसेना का हाई अलर्ट (तस्वीर-PTI)
जम्मू-कश्मीर में सेना और वायुसेना का हाई अलर्ट (तस्वीर-PTI)

  • सेना और वायुसेना हाई अलर्ट पर
  • गृह मंत्रालय के अधिकारियों पर रहेगी कश्मीर की नजर
  • एयरलिफ्ट कर घाटी पहुंचाए जा रहे जवान

जम्मू-कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद सेना और वायुसेना हाई अलर्ट पर है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और गृह मंत्रालय के अधिकारी राज्य की सुरक्षा स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं.

सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में गश्त बढ़ा दी है. इस बीच सीआरपीएफ के 8000 जवानों को एयरलिफ्ट करके श्रीनगर पहुंचाने का सिलसिला जारी है. एलओसी पर पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.

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गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने संकल्प राज्यसभा में पेश किया है. इसके अलावा राज्यसभा में अमित शाह ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को पेश किया है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.

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अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें.

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अब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां विधानसभा नहीं होगी. रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. देश की राजधानी दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी.

इससे पहले भी राज्य में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी. राजनीतिक पार्टियां जिस तरह का सियासी कयास लगा रही थीं, वह सच निकला और केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 में बड़े बदलाव का फैसला ले लिया. केंद्र ने जरूरी उपबंधों को खत्म कर दिया है.

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श्रीनगर और जम्मू में सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लागू कर दी गई है. आम लोगों को बाहर ना निकलने के लिए कहा गया है. ऐसे में लोगों के ग्रुप में एक साथ बाहर निकलने पर भी रोक लग गई है. पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है. पहले सिर्फ मोबाइल सेवा रोकी गई और उसके बाद में लैंडलाइन सर्विस भी रोक दी गई है. ऐसे में सुरक्षाबलों को अब सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, ताकि किसी भी स्थिति को संभाला जा सके.

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सिर्फ जम्मू में ही CRPF की 40 कंपनियों को तैनात किया गया है. इससे पहले कश्मीर में ही हजारों की संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबल पहले से ही तैनात किए जा चुके थे. जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. 5 अगस्त को यूनिवर्सिटियों में होने वाली परीक्षा को भी अगले आदेश तक के लिए टाल दिया गया है.

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