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जम्मू-कश्मीर: नौकरी नहीं मिली तो गांव में ही पैदा किए रोजगार के अवसर, बच्चों के लिए भी बनाया एंटरटेनमेंट सेंटर

बिलाल ने बताया, 'मेरा परिवार मेरे काम में मदद करता है. हम इस काम में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं और कश्मीर में उग्र संघर्ष के बीच अपने इस प्रयास से बच्चों के लिए मनोरंजन के साधन जुटाने में मदद करते हैं. जब हमें कोलकाता से पेडल बोट मिलीं, तो कई बच्चे नौका विहार के लिए आने लगे. धीरे-धीरे यह बात आस-पास के कई गांवों में फैल गई और आज हमारे पास अच्छी संख्या में लोग आते हैं.'

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Innovative Imitative by Youth for employment in South Kashmir
Innovative Imitative by Youth for employment in South Kashmir

कश्मीर के अनंतनाग जिले में रहने वाले बिलाल ने अपनी मेहनत के दम पर कई लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा किए हैं. अनंतनाग जिले में काजीगुंड बेल्ट के नुसू इलाके के रहने वाले 40 वर्षीय बिलाल ने सरकारी नौकरी न मिलने पर एक घर के पास ही स्टार्टअप शुरू किया और आज उनके काम से 20 लोगों को रोजगार मिला है.

बिलाल पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद सरकारी नौकरी की तलाश में लग गए लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई. इसके बाद उन्होंने अपने गांव के पानी से ही अपना करियर बनाने का फैसला किया. बिलाल ने 2007 में, अपने परिवार के सदस्यों की मदद से एक मछली फार्म शुरू किया. बिलाल अपने खेत में मछली पालन का काम करने लगे और 13 सालों में, उनके इस काम से रोजगार भी पैदा हुए. बिलाल के मुताबिक हर साल शरद ऋतु में पीक सीजन के दौरान वो लगभग 20 लोगों को रोजगार देते हैं.

बिलाल के मछली पालन के विचार ने काम किया, तो उन्होंने इलाके के आसपास के बच्चों के लिए भी एक मनोरंजन केंद्र खोलने के बारे में सोचा. उन्होंने कहा, 'हमने अपने खेत का विस्तार किया और खेत के किनारे एक छोटा तालाब बनाया. हमें कोलकाता से पेडल बोट मिलीं और हम इस जगह का उपयोग नौका विहार के लिए करने लगे.'

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अपने परिवार के समर्थन की सराहना करते हुए बिलाल ने बताया, 'मेरा परिवार मेरे काम में मदद करता है. हम इस काम में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं और कश्मीर में उग्र संघर्ष के बीच अपने इस प्रयास से बच्चों के लिए मनोरंजन के साधन जुटाने में मदद करते हैं. जब हमें कोलकाता से पेडल बोट मिलीं, तो कई बच्चे नौका विहार के लिए आने लगे. धीरे-धीरे यह बात आस-पास के कई गांवों में फैल गई और आज हमारे पास अच्छी संख्या में लोग आते हैं.'

बिलाल ने कहा, 'आज यह कई लोगों के लिए आजीविका बन गया है. सितंबर और अक्टूबर के मौसम में, मैं खेत से मछली बेचने में मदद करने के लिए 10 से ज्यादा लोगों को रोजगार देता हूं.' उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि श्रीनगर में नौका विहार उपलब्ध है, लेकिन दक्षिण कश्मीर में बच्चों के लिए, संघर्ष और तनाव वाले माहौल के बीच यात्रा करना मुश्किल हो जाता है. हम चाहते हैं कि यहां अधिक से अधिक लोग आएं. ये जगह सभी उम्र के लोगों के लिए देखने लायक है. हम चाहते हैं कि लोग बच्चों के साथ यहां नौका विहार के लिए आएं.'

स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हुए बिलाल के बेटे ने कहा, 'हम इस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में प्रमोट करना चाहते हैं.'

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